Maharashtra politics: विधानसभा चुनाव के बाद से ही महाराष्ट्र में कुछ राजनीतिक बदलाव होने की चर्चा शुरू हो गई थी। उसमें सबसे ज्यादा चर्चा दो प्रादेशिक पार्टियों को लेकर थी। उद्धव ठाकरे की शिव सेना और शरद पवार की एनसीपी का क्या भविष्य होगा, इस पर सबसे ज्यादा कयास लगाए जा रहे हैं।
लोकसभा चुनाव में इन दोनों पार्टियों ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था लेकिन विधानसभा चुनाव में दोनों का प्रदर्शन इतना खराब था कि कोई भी पार्टी मुख्य विपक्षी पार्टी बनने लायक सीट भी हासिल नहीं कर पाई।
दूसरी ओर लोकसभा चुनाव में हारी भाजपा अकेले 132 सीट जीत कर बहुमत के नजदीक पहुंच गई। ध्यान रहे महाराष्ट्र के नेताओं के लिए लोकसभा की सीट बहुत अहम नहीं होती है। उनके प्राण तो प्रदेश की राजनीति में बसते हैं।
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तभी देवेंद्र फड़नवीस की कमान में भाजपा, शिव सेना और एनसीपी की सरकार बनने के बाद से उद्धव ठाकरे और शरद पवार खेमे में बहुत बेचैनी है।
खबर थी कि उद्धव के अनेक नेता चाहते हैं कि कांग्रेस से तालमेल खत्म हो तो दूसरी ओर शरद पवार के बहुत से नेता चाहते हैं कि अजित पवार के साथ पार्टी का एकीकरण हो।
इस बीच उद्धव ठाकरे की पार्टी के नेता संजय राउत और शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने खुले दिल से फड़नवीस की तारीफ की है।
हालांकि यह तारीफ नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली में बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं को लेकर थी फिर भी इसके राजनीतिक मतलब निकाले जा रहे हैं।
उद्धव ठाकरे की पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में तो संपादकीय लिख कर फड़नवीस की तारीफ की गई है।(Maharashtra politics)