जम्मू कश्मीर की चार और पंजाब की एक लोकसभा सीट पर चुनाव की घोषणा के बाद उम्मीदवारों को लेकर अटकलें शुरू हो गई हैं। अगर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेतृत्व वाला सत्तारूढ़ गठबंधन तीन सीटों पर चुनाव लड़ता है तो कौन कौन उम्मीदवार होंगे और अगर गठबंधन किसी तिकड़म से चौथी सीट जीतने का दांव चलता है तो उम्मीदवार कौन होगा, यह बड़ा सवाल है। ऐसे ही भाजपा किसके ऊपर दांव लगाएगी और गुलाम नबी आजाद का क्या होगा, यह भी सवाल है। पंजाब की एक सीट पर अरविंद केजरीवाल किसको उम्मीदवार बनाएंगे यह देखना भी दिलचस्प होगा। ध्यान रहे पंजाब की सीट संजीव अरोड़ा के विधायक और मंत्री बन जाने की वजह से खाली हुई है। जब राज्यसभा सांसद को विधायक का चुनाव लड़ाया गया तभी से यह चर्चा थी कि खाली हुई सीट पर अरविंद केजरीवाल खुद राज्यसभा जाएंगे। लेकिन उन्होंने इससे इनकार किया है। हालांकि राजनीति में कुछ भी अंतिम नहीं होता है। उनके अलावा मनीष सिसोदिया के नाम की भी चर्चा है। कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान किसी स्थानीय नेता को राज्यसभा भेजना चाहते हैं क्योंकि डेढ़ साल में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। वे किसी कारोबारी को भी टिकट देने के पक्ष में नहीं हैं।
उधर जम्मू कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस की ओर से पार्टी के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के चुनाव लड़ने की संभावना है। वे नंबर एक उम्मीदवार हो सकते हैं। उनके अलावा सज्जाद किचलू दावेदार बताए जा रहे हैं। ये दोनों अलग अलग अधिसूचना से एक एक सीट के चुनाव में उम्मीदवार हो सकते हैं। असली घमासान उन दो सीटों पर होगा, जिनका चुनाव एक साथ होगा और जीतने के लिए 29 विधायकों की जरुरत होगी। इसमें एक उम्मीदवार सत्तारूढ़ गठबंधन का होगा। कांग्रेस एक सीट की मांग कर रही है। अगर उसे सीट मिलती है तो वह जम्मू क्षेत्र से एक उम्मीदवार दे सकती है। चौथी सीट पर भी उम्मीदवार देकर सत्तारूढ़ गठबंधन चुनाव उलझाने की कोशिश कर सकता है। इस सीट पर कोई निर्दलीय उम्मीदवार भी खड़ा हो सकता है। एक सीट पर भाजपा का उम्मीदवार भी होगा। सामान्य रूप से माना जा रहा है कि कोई ब्राह्मण या पंजाबी उम्मीदवार होगा, जो जम्मू क्षेत्र का होगा। उम्र और दूसरे कारणों से गुलाम नबी आजाद भाजपा के समीकरण में फिट नहीं बैठते हैं। लेकिन अगर सत्तारूढ़ गठबंधन ने चौथा उम्मीदवार दिया या किसी निर्दलीय या अन्य उम्मीदवार को समर्थन दिया तो भाजपा को बहुत सोच समझ कर उम्मीदवार चुनना होगा।