अगले साल अप्रैल में केरल में विधानसभा का चुनाव होने वाला है। वहां के कांग्रेस नेता इस बात से खुश हैं कि मुख्यमंत्री पद का एक दावेदार कम हो गया। शशि थरूर की राजनीति ने उनको कांग्रेस आलाकमान से दूर कर दिया है और इस तरह वे मुख्यमंत्री पद की दावेदारी से भी दूर हो गए हैं। उनके दूर होने के बाद भी दावेदारी की संख्या बड़ी लंबी है। प्रदेश के तमाम बड़े नेता, जो कभी सीएम पद के दावेदार रहे हैं वे तैयारी कर रहे हैं लेकिन उनको केसी वेणगोपाल का खतरा दिख रहा है। उनको लग रहा है कि कांग्रेस की सरकार बनी तो केसीवी ही सीएम होंगे। उनकी हैसियत कांग्रेस के दिग्गज एके एंटनी वाली हो गई है। इसका मतलब है कि या तो वे खुद बन जाएंगे या वही बनेगा, जिसको वे चाहेंगे। जैसे एंटनी वे वायलार रवि की जगह ओमन चांडी को बनवाया था।
बहरहाल, प्रदेश के पुराने नेताओं में सबसे तगड़ी दावेदारी रमेश चेन्निथला की है। उनके अलावा सुधाकरण और सतीशन की दावेदारी अपनी जगह है। करुणाकरण परिवार के लोग तो अब थक हार कर दावेदारी छोड़ चुके हैं। पिछले कुछ दिनों से चेन्निथला ड्रग्स के खिलाफ यात्रा निकाल कर रहे हैं। वे चाहते थे कि केरल की वायनाड सीट की सांसद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा उनकी यात्रा में शामिल हों। लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। हालांकि पिछले दिनों प्रियंका वायनाड में थीं और उसी समय सोनिया गांधी भी निजी यात्रा पर पहुंची तो ‘संयोग’ से चेन्निथला की मुलाकात दोनों से हो गई। जिस समय चेन्निथला की यात्रा वायनाड से गुजर रही थी उसी समय सोनिया और प्रियंका का काफिला सामने आ गया और उनका मुलाकात हो गई। इस मुलाकात की प्रदेश राजनीति में बहुत चर्चा है।