लखनऊ। करीब 20 दिन पहले शुरू हुआ ‘आई लव मोहम्मद’ का अभियान एक बड़े विवाद में तब्दील होता दिख रहा है। शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद उत्तर प्रदेश के दो शहरों बरेली और मऊ में इसे लेकर बवाल हुआ। लोगों ने सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन किया और पुलिस को उन्हें भगाने के लिए लाठी चलानी पड़ी। सड़कों पर भीड़ धार्मिक नारे लगा रही थी और पुलिस का कहना है कि छतों पर पत्थर फेंके गए। घटना के बाद पुलिस ने बाजार बंद कराए और लोगों को हटाया।
बरेली में तीन जगहों पर प्रदर्शन और छिटपुट हिंसा हुई। पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे लोगों पर लाठी चला कर उनको भगाया। पुलिस के लाठी चलाने से भगदड़ मच गई। इससे पहले मौलाना तौकीर रजा ने मुस्लिमों से शहर के इस्लामिया ग्राउंड में प्रदर्शन करने की अपील की थी। उनकी अपील पर जुमे की नमाज के बाद भीड़ सड़क पर उतर आई और जबरन ग्राउंड में जाने की जिद करने लगी। पुलिस का कहना है कि जब उसने भीड़ को रोका तो लोगों ने तोड़फोड़ शुरू कर दी। भीड़ में शामिल लोग उग्र हो गए और धार्मिक नारे लगाने लगे। बरेली में बारादरी और प्रेमनगर क्षेत्र में भी इसी तरह भीड़ जमा हो गई थी, जिसे हटाने में बवाल हुआ। बाद में पुलिस ने शहर में बाजार बंद करा दिए और मौलाना तौकीर रजा को हिरासत में ले लिया। गौरतलब है कि तौकीर रजा इत्तेहाद ए मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष हैं। इन पर 2010 में बरेली में दंगा करवाने का भी आरोप है।
बरेली के अलावा मऊ में भी जुमे की नमाज के बाद ‘आई लव मोहम्मद’ विवाद पर बवाल हुआ। पुलिस ने लाठी चला कर लोगों को खदेड़ा। बताया जा रहा है कि वहां कुछ लोगों ने ‘आई लव मोहम्मद’ का जुलूस निकालना शुरू कर दिया। पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने और नारेबाजी करते रहे। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिसकर्मियों ने जुलूस में शामिल लोगों पर लाठियां चलाईं और उन्हें भगाया। मुहम्मदाबाद गोहना में जुमे की नमाज के बाद यह विवाद हुआ।
असल में इस विवाद की शुरुआत उत्तर प्रदेश के कानपुर में चार सितंबर को हुई। ईद मिलाद उन्नबी के जुलूस के दौरान एक समूह ने अंग्रेजी में ‘आई लव मोहम्मद’ लिखा हुआ एक बैनर जुलूस के रास्ते पर लगाया। स्थानीय हिंदू संगठनों ने इसका विरोध किया। बाद में पुलिस ने बैनर हटाया और इस सिलसिले में 15 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। अब कई अन्य शहरों व राज्यों में ‘आई लव मोहम्मद’ के समर्थन में रैलियां, बैनर और पोस्टर लग रहे हैं। दूसरी ओर इसके जवाब में हिंदू समुदाय के लोग ‘आई लव महादेव’ या ‘आई लव महाकाल’ के बैनर लगा रहे हैं।