उधर तमिलनाडु में रामदॉस पिता-पुत्र के बीच घमासान छिड़ा है तो दूसरी ओर महाराष्ट्र में पवार चाचा-भतीजे का घमासान थमता दिख रहा है। दोनों के बीच एक साल पहले जैसी तल्खी थी और पिछले साल लोकसभा व विधानसभा में दोनों के परिवार के सदस्य जैसे एक दूसरे से लड़े थे उसके मुकाबले अब काफी शांति बहाल हो गई है।
चाचा-भतीजे की जुगलबंदी में नया मोड़
अब तो चाचा-भतीजे की जुगलबंदी देखने को मिल रही है। पिछले 15 दिन में शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार के बीच दो बार मुलाकात हुई है। एक परिवार के फंक्शन में और एक सार्वजनिक कार्यक्रम में दोनों एक साथ बैठे और बातचीत की। हालांकि इसका यह मतलब नहीं है कि दोनों कड़वाहट भूल कर साथ आने की तैयारी कर रहे हैं।
फिर भी माना जा रहा है कि दोनों के बीच बर्फ पिघल रही है। पिछले दिनों अजित पवार के छोटे बेटे जय पवार की सगाई की कार्यक्रम था। पुणे के पास आयोजित इस कार्यक्रम में परिवार के मुखिया के तौर पर शरद पवार शामिल हुए। यह परिवार का फंक्शन था इसलिए लोगों ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया।
लेकिन इसके थोड़े दिन बाद ही छत्रपति शिवाजी कॉलेज के एक कार्यक्रम में दोनों साथ साथ शामिल हुए और मंच पर दोनों अगल बगल बैठे। इसके बाद अटकलें नए सिरे से तेज हुईं। ध्यान रहे पहले भी शरद पवार खेमे के कई नेता दोनों पार्टियों के एक हो जाने की बातें कर चुके हैं। कई लोग कह रहे हैं कि एकीकरण की आधिकारिक कोशिश जल्दी ही शुरू हो सकती है।
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