आईपीएल 2025 के 30वें मुकाबले में चेन्नई सुपरकिंग्स ने एक बेहद रोमांचक मुकाबले में लखनऊ सुपरजायंट्स को हराकर अपने हार के सिलसिले पर विराम लगा दिया। इस सीजन में लगातार पांच मैच हारने के बाद MS धोनी की चेन्नई की यह दूसरी जीत रही, जो टीम और उसके फैंस दोनों के लिए राहत लेकर आई।
लखनऊ के भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी इकाना स्टेडियम में खेले गए इस मैच में चेन्नई सुपरकिंग्स ने 19.3 ओवर में 5 विकेट खोकर 167 रनों का लक्ष्य हासिल कर लिया।
लखनऊ सुपरजायंट्स ने टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 20 ओवरों में 7 विकेट पर 166 रन बनाए। लखनऊ की ओर से बल्लेबाजों ने अच्छा संघर्ष किया, लेकिन चेन्नई के गेंदबाजों ने उन्हें बड़े स्कोर तक नहीं पहुंचने दिया।
जवाब में MS धोनी की चेन्नई की शुरुआत संतुलित रही, जहां रचिन रवींद्र और शेख रशीद ने टीम को मजबूत आधार प्रदान किया। रवींद्र ने 37 रन बनाए जबकि शेख रशीद ने 27 रनों की अहम पारी खेली।
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लेकिन मैच का असली मोड़ आया तब, जब अंत के ओवरों में कप्तान महेंद्र सिंह धोनी बल्लेबाजी करने उतरे। एक बार फिर ‘कैप्टन कूल’ ने अपने अनुभव और धैर्य का परिचय दिया।
MS धोनी ने मात्र 11 गेंदों में नाबाद 26 रन बनाए, जिसमें उन्होंने 4 चौके और 1 छक्का जड़ते हुए मैच का रुख पलट दिया। उनके साथ शिवम दुबे ने भी मोर्चा संभाला और 37 गेंदों में नाबाद 43 रन बनाकर टीम को जीत की ओर अग्रसर किया। दुबे की पारी में 3 चौके और 2 छक्के शामिल थे। दोनों बल्लेबाजों की साझेदारी ने चेन्नई को आखिरी ओवर में जीत दिला दी।
इस जीत के बावजूद चेन्नई सुपरकिंग्स अभी भी अंकतालिका में 10वें स्थान पर बनी हुई है, लेकिन टीम के प्रदर्शन में दिखाई पड़ा आत्मविश्वास और संयम यह संकेत दे रहा है कि आगामी मैचों में टीम मजबूत वापसी कर सकती है। धोनी की कप्तानी और फिनिशिंग क्षमताएं एक बार फिर सामने आई हैं, जो चेन्नई के समर्थकों के लिए किसी सुकून से कम नहीं हैं।
यह मुकाबला सिर्फ दो पॉइंट्स की जीत नहीं थी, बल्कि वह संदेश था कि MS धोनी की चेन्नई सुपरकिंग्स अभी भी इस टूर्नामेंट की एक ताकतवर टीम है, और अगर लय में आ जाए तो किसी भी विरोधी को धूल चटा सकती है। महेंद्र सिंह धोनी की यह पारी उनके करियर की यादगार पारियों में एक और अध्याय जोड़ती है, जो लंबे समय तक याद की जाएगी।
मुश्किल समय में क्रीज पर रखा कदम
चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) और लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) के बीच खेले गए इस मुकाबले में जब सब कुछ हाथ से फिसलता नजर आ रहा था, तभी माही यानी महेंद्र सिंह धोनी ने मैदान पर कदम रखा और एक बार फिर साबित कर दिया कि क्यों उन्हें क्रिकेट की दुनिया का सबसे बड़ा फिनिशर कहा जाता है।
मैच का वो मोड़ आया जब चेन्नई की टीम 111 रन पर 5 विकेट गंवाकर संघर्ष कर रही थी और जीत के लिए अब भी 30 गेंदों में 55 रनों की दरकार थी। यह वो समय था जब किसी अनुभवी, शांतचित्त और आक्रामक खिलाड़ी की सख्त जरूरत थी – और तब क्रीज पर उतरे MS धोनी।
MS धोनी ने मैदान में आते ही जैसे मैदान का नक्शा बदल दिया। उन्होंने महज़ 11 गेंदों में नाबाद 26 रन ठोक दिए, जिसमें 4 चौके और 1 शानदार एक हाथ का छक्का शामिल था।
यह छक्का MS धोनी के क्लास और आत्मविश्वास का प्रतीक था, जिसने दर्शकों के दिलों की धड़कनें बढ़ा दीं और विरोधी टीम की रणनीति को अस्त-व्यस्त कर दिया।
धोनी ने शिवम सिंह के साथ मिलकर मैच जिताऊ साझेदारी की। दोनों ने मिलकर 27 गेंदों में 56 रनों की बेहतरीन साझेदारी निभाई। शिवम सिंह ने भी शानदार संयम और आक्रामकता का मिश्रण दिखाते हुए 37 गेंदों में नाबाद 43 रन बनाए, जिसमें 2 छक्के और 3 चौके शामिल थे।
15वें ओवर में हुई MS धोनी की एंट्री
धोनी की एंट्री 15वें ओवर में हुई, जब शंकर का विकेट गिरा और टीम संकट में थी। लेकिन धोनी ने आते ही तेवर दिखाए। आवेश खान की दो लगातार गेंदों पर दो चौके लगाकर उन्होंने न केवल रनगति को बढ़ाया बल्कि विरोधी खेमे को भी सन्न कर दिया।
17वें ओवर में धोनी ने आखिरी गेंद पर लगाया जबरदस्त छक्का, जिसने पूरे मैच का रुख पलट दिया। 18वें ओवर में भी उन्होंने एक और चौका जमाया, और भले ही ओवर में सिर्फ 7 रन आए, लेकिन चेन्नई की उम्मीदें अब और मजबूती पकड़ चुकी थीं।
19वें ओवर में शिवम ने चौका और छक्का जड़ा और धोनी ने भी एक और चौका लगाकर मैच को लगभग खत्म कर दिया। अंतिम ओवर में शिवम ने विजयी चौका लगाकर मैच का अंत किया और चेन्नई को दिलाई सीजन की दूसरी जीत।
हालांकि अंक तालिका में चेन्नई अभी भी निचले पायदान पर है, लेकिन इस जीत ने टीम में नई ऊर्जा और आत्मविश्वास जरूर भर दिया है। वहीं LSG की टीम इस हार के बावजूद चौथे स्थान पर बनी हुई है।
महेंद्र सिंह धोनी की यह पारी सिर्फ एक जीत नहीं थी, बल्कि यह थी उनके अनुभव, आत्मविश्वास और फिनिशिंग टच की जीवंत मिसाल। इस मैच ने एक बार फिर साबित किया कि जब-जब टीम संकट में होगी, तब-तब ‘कैप्टन कूल’ माही ही उम्मीद की आखिरी किरण बनकर उभरेंगे।
MS धोनी बने प्लेयर ऑफ द मैच
चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के अनुभवी कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने एक बार फिर साबित कर दिया कि उम्र महज एक संख्या है। लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) के खिलाफ खेले गए रोमांचक मुकाबले में धोनी ने ऐसा खेल दिखाया कि दर्शकों समेत क्रिकेट के जानकार भी उनकी तारीफ करते नहीं थक रहे।
लंबे समय से टीम को जीत की तलाश थी, और इस मुश्किल घड़ी में एक बार फिर कप्तान कूल ने मोर्चा संभाला और अपनी चिर-परिचित शैली में खेल का रुख ही पलट दिया।
मैच की शुरुआत LSG की बल्लेबाजी से हुई, लेकिन CSK के गेंदबाजों ने उन्हें खुलकर खेलने का मौका नहीं दिया। लखनऊ की टीम ने 166 रन बनाए, जिसमें कप्तान ऋषभ पंत की 63 रनों की पारी ही एकमात्र प्रमुख योगदान रही।
निकोलस पूरन और मार्कराम जैसे धाकड़ बल्लेबाज़ नाकाम साबित हुए। CSK की ओर से पथिराना और रवींद्र जडेजा ने 2-2 विकेट झटके, वहीं अंशुल कंबोज और खलील अहमद ने भी महत्वपूर्ण विकेट चटकाकर विपक्षी टीम को बांधकर रखा।
लेकिन असली जलवा देखने को मिला धोनी की विकेटकीपिंग और कप्तानी में। धोनी ने एक कैच, एक स्टंप और एक रनआउट कर दर्शाया कि वे आज भी विकेट के पीछे सबसे तेज़ हैं।
खास बात ये रही कि उन्होंने रवींद्र जडेजा की गेंद पर आयुष बडोनी को स्टंप कर आईपीएल में अपना 200वां शिकार किया। ऐसा करने वाले वह आईपीएल के पहले खिलाड़ी बन गए हैं। इस रिकॉर्ड से धोनी ने दिनेश कार्तिक और रिद्धिमान साहा को भी पीछे छोड़ दिया है।
MS धोनी का नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज
मैच के सबसे चौंकाने वाले पल में, 20वें ओवर की पहली गेंद पर MS धोनी ने अब्दुल समद को फुर्ती से रन आउट कर दिया — यह पल ऐसा था जिसने दर्शकों को खड़े होकर तालियाँ बजाने पर मजबूर कर दिया।
बात अगर बल्लेबाज़ी की करें, तो जहां टीम के बाकी बल्लेबाज लड़खड़ा रहे थे, वहीं MS धोनी ने ताबड़तोड़ बल्लेबाज़ी करते हुए टीम को जीत की राह पर लौटा दिया। लगातार पांच हार के बाद आई यह जीत ना सिर्फ अंक तालिका के लिहाज से महत्वपूर्ण थी, बल्कि टीम के आत्मविश्वास को भी नयी ऊर्जा देने वाली रही।
MS धोनी के इस बेहतरीन प्रदर्शन के लिए उन्हें ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ का खिताब दिया गया। विकेट के पीछे उनकी चुस्ती, बल्लेबाज़ी में आक्रामकता और मैदान पर उनकी रणनीतिक सोच ने एक बार फिर दिखा दिया कि क्यों उन्हें क्रिकेट का ‘कैप्टन कूल’ कहा जाता है।
इस मुकाबले ने सिर्फ CSK के लिए दो महत्वपूर्ण अंक ही नहीं जोड़े, बल्कि MS धोनी के प्रशंसकों के दिलों में एक बार फिर उनकी जगह और भी मजबूत कर दी। IPL इतिहास में यह एक और सुनहरा पन्ना बन गया, जिसमें महेंद्र सिंह धोनी का नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गया।