Maharashtra politics

  • महाराष्ट्र में स्थानीय चुनाव का मामला उलझा

    चुनाव आयोग ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर का ऐलान कर दिया। पहले चरण में 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एसआईआर की प्रक्रिया शुरू हो गई। पहले चरण के 12 राज्यों में महाराष्ट्र नहीं है। चुनाव आयोग ने बहुत साफ शब्दों में पहले ही कहा था कि जिन राज्यों में स्थानीय निकाय चुनाव होने वाले हैं वहां एसआईआर की प्रक्रिया अभी नहीं शुरू होगी क्योंकि वहां के स्थानीय प्रशासन के अधिकारी और कर्मचारी चुनाव प्रक्रिया में व्यस्त होंगे। चुनाव आयोग को पता है कि सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव एक निश्चित समय...

  • फड़नवीस ने क्यों कहा कि दिल्ली दूर है?

    महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस हर समय कुछ न कुछ ऐसा कहते या करते रहते हैं, जिससे मुंबई से लेकर दिल्ली तक उनकी चर्चा होती रहती है। अब उन्होंने यह कह कर सबको चौंकाया है कि दिल्ली दूर है। उन्होंने एक कार्यक्रम में अचानक यह बात कही। किसी को समझ नहीं आया कि फड़नवीस ने क्यों कहा कि दिल्ली दूर है और किसके लिए यह बात कही। सबसे अहम सवाल यही है कि किसके लिए दिल्ली दूर है? क्या फड़नवीस ने यह बात अपने लिए कही है और यह संदेश दिया है कि वे दिल्ली के बारे में नहीं सोच...

  • महाराष्ट्र में सब कुछ ठीक नहीं

    महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री और शिव सेना के नेता एकनाथ शिंदे ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। वे परिवार के साथ प्रधानमंत्री से मिलने गए थे। उन्होंने उप राष्ट्रपति के चुनाव में भाजपा की ओर से तय किए जाने वाले उम्मीदवार को बिना शर्त समर्थन का ऐलान किया। इसके साथ ही शिंदे ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र में सब कुछ ठीक है और उनके व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के बीच कोई विवाद नहीं है। लेकिन उनके यह कहने का मतलब ही है कि विवाद चल रहा है। तभी फड़नवीस से ज्यादा शिंदे दिल्ली की दौड़ लगा...

  • उद्धव ने राज ठाकरे को संजीवनी दे दी

    जिस तरह से 2015 में नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद, उनकी पार्टी और परिवार को संजीवनी दी थी उसी तरह महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे ने अपने चचेरे भाई राज ठाकरे को दी है। हो सकता है कि इसका कुछ फायदा उद्धव ठाकरे को भी हो लेकिन राजनीति के हाशिए से भी धकेल कर बाहर कर दिए गए राज ठाकरे का पुनर्जीवन हो गया। गौरतलब है कि महाराष्ट्र के लोगों ने राज ठाकरे की विभाजनकारी राजनीति को पूरी तरह से खारिज कर दिया था। गैर मराठी लोगों पर हमले या हिंदुत्व की राजनीति का उनका प्रयास पूरी तरह से नाकाम रहा...

  • सहकारिता में लौटे अजित पवार का दबदबा

    महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार की ताकत दिन ब दिन बढ़ रही है। वे 40 साल के बाद सहकारिता की राजनीति में लौटे हैं। अजित पवार ने आखिरी बार 1984 में बारामती में सहकारिता का चुनाव लड़ा था। उसके बाद अब उन्होंने मालेगांव सहकारी चीनी मिल संगठन का चुनाव लड़ा। इसमें वे अध्यक्ष के पद पर लड़े थे और सभी 21 पदों के लिए उनका पैनल चुनाव लड़ा था। उनका पैनल 20 सीटों पर जीता है। वे अध्यक्ष पद का चुनाव लगभग 90 फीसदी वोट लेकर जीते हैं। उनके चाचा शरद पवार ने अध्यक्ष पद के लिए तो उम्मीदवार...

  • उद्धव को तालमेल से रोकने की कोशिश

    महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव जैसे जैसे नजदीक आ रहे हैं वैसे वैसे राजनीतिक ध्रुवीकरण तेज हो रहा है। यह साफ दिख रहा है कि उद्धव ठाकरे अपने चचेरे भाई राज ठाकरे से तालमेल करना चाहते हैं। तालमेल की शर्तें क्या होंगी इस पर चर्चा चल रही है। हालांकि ऐसा नहीं है कि राज ठाकरे की पार्टी बहुत बड़ी या लोकप्रिय है। संसद या विधानमंडल या महानगरपालिका कहीं भी उनका एक भी सदस्य नहीं है। फिर भी उद्धव को लग रहा है कि ठाकरे परिवार के एक होने से मुंबई की जनता में एक मैसेज जाएगा और परिवार वापस मुंबई...

  • पवार कुछ और चाहते हैं भतीजे अजित से

    एनसीपी के संस्थापक शरद पवार ने एक बार फिर पोजिशन बदली है। हालांकि यह भी अंतिम नहीं है लेकिन उन्होंने कहा है वे कभी भी उन लोगों के साथ नहीं जाएंगे, जो भाजपा के साथ जुड़े हैं। उन्होंने भतीजे अजित पवार की पार्टी एनसीपी में अपनी पार्टी के विलय की संभावना को नकार दिया है। साथ ही भाजपा पर निशाना साध कर सीधे भाजपा से तालमेल करने और एनडीए में शामिल होने की संभावना को भी खारिज कर दिया है। ध्यान रहे पिछले कुछ दिनों में उन्होंने कई बार अजित पवार के साथ मंच साझा किया और एक बार यह...

  • सुप्रिया सुले के कारण भाजपा में संशय

    महाराष्ट्र में शरद पवार और अजित पवार दोनों की पार्टियों के विलय की चर्चा जोर शोर से चल रही है। इसके अलावा यह भी चर्चा चल रही है कि विलय की बजाय शरद पवार पार्टी का स्वतंत्र अस्तित्व रखते हुए एनडीए में शामिल हो सकते हैं। भाजपा को दूसरी स्थिति ज्यादा बेहतर नजर आ रही है। विलय करके एनसीपी एक हो जाए और एनडीए में रहे तो यह एक मजबूत ताकत रहेगी और अलग होने पर ज्यादा नुकसान कर सकती है। लेकिन दो अपेक्षाकृत कमजोर पार्टियां एनडीए में रहेंगी तो वह ज्यादा बेहतर होगा। शरद पवार की पार्टी एनडीए में...

  • उद्धव ने दिया राज ठाकरे से तालमेल का संकेत

    मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपने चचेरे भाई और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे से तालमेल के संकेत दिए हैं। पिछले कई दिनों से दोनों पार्टियों की ओर से इसके संकेत दिए जा रहे थे लेकिन पहली बार उद्धव ने इतना स्पष्ट संकेत दिया है। उद्धव ने तालमेल की अटकलों के बीच शुक्रवार को कहा कि महाराष्ट्र की जनता जो चाहेगी, वही होगा। हालांकि, उद्धव ठाकरे ने इस सवाल को टाल दिया कि क्या उनकी पार्टी और मनसे के बीच किसी तरह की बातचीत चल रही है। उद्धव ठाकरे से मुंबई में एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस...

  • मजबूरी का नाम छगन भुजबल

    छगन भुजबल को आखिरका मंत्री बनाना पड़ा। सरकार बनने के छह महीने बाद उनको सरकार में शामिल किया गया। अकेले उनके लिए मंगलवार की सुबह 10 बजे राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन हुआ। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने उनको मंत्री पद की शपथ दिलाई। पिछले साल नवंबर में सरकार बनने पर उनके मंत्री नहीं बनाया गया था, जिससे वे खासे नाराज हुए थे। उससे पहले उनको राज्यसभा में लाकर दिल्ली भेजे जाने की चर्चा थी लेकिन वह वादा भी पूरा नहीं हुआ। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के शहरी निकायों के चुनाव कराने का आदेश दिया। सर्वोच्च अदालत...

  • शरद-अजित पवार साथ आ रहे ?

    शरद पवार और अजित पवार साथ आ रहे हैं। दोनों की पार्टियों के विलय की तैयारी हो रही है। खुद शरद पवार ने इसका संकेत दिया और उसके बाद अजित पवार के साथ सतारा में मंच साझा किया। एनसीपी के संस्थापक शरद पवार ने गुरुवार, आठ मई को कहा कि अगर दोनों पार्टियों का विलय हो जाए तो आश्चर्य नहीं होगा। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि विलय का फैसला उन्होंने पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष और अपनी बेटी सुप्रिया सुले पर छोड़ दिया है। हालांकि ऐसा कुछ नहीं होता है। फैसला तो शरद पवार ने ही किया होगा...

  • एनसीपी का विलय हुआ तो कांग्रेस को फायदा

    शरद पवार और अजित पवार की पार्टियों का विलय होने की चर्चा चल रही है। अगर दोनों पार्टियां एक हो जाती हैं तो उसका सबसे बड़ा लाभ कांग्रेस को होगा। शरद पवार ने कांग्रेस का ही वोट लेकर राजनीति की थी। उन्होंने कांग्रेस पार्टी से अलग होकर 1999 में अपनी पार्टी बनाई थी और अपने साथ साथ कांग्रेस के वोट आधार का एक अच्छा खासा हिस्सा ले गए थे। मराठवाड़ा और पश्चिम महाराष्ट्र में, जहां कांग्रेस का मजबूत आधार था वही पर शरद पवार की एनसीपी का भी आधार बना। पहले चुनाव में यानी 1999 में तो वे कांग्रेस से...

  • उद्धव और राज ठाकरे ने साथ आने के संकेत दिए

    महाराष्ट्र की राजनीति राज ठाकरे का वजूद लगभग खत्म हो गया है और पिछले विधानसभा चुनाव में उद्धव ठाकरे की पार्टी का प्रदर्शन भी बहुत खराब रहा। अब दोनों ने चचेरे भाइयों ने साथ आने का संकेत दिया है। साथ आने का संकेत देते हुए महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने शनिवार को कहा, ‘हमारे बीच राजनीतिक मतभेद हैं, विवाद हैं, झगड़े हैं, लेकिन यह सब महाराष्ट्र के आगे बहुत छोटी चीज हैं। महाराष्ट्र और मराठी लोगों के हित के लिए साथ आना कोई बहुत बड़ी मुश्किल नहीं है’। राज ठाकरे का बयान: उद्धव से गठबंधन संभव, जरूरत...

  • महाराष्ट्र में पवार चाचा-भतीजे की जुगलबंदी

    उधर तमिलनाडु में रामदॉस पिता-पुत्र के बीच घमासान छिड़ा है तो दूसरी ओर महाराष्ट्र में पवार चाचा-भतीजे का घमासान थमता दिख रहा है। दोनों के बीच एक साल पहले जैसी तल्खी थी और पिछले साल लोकसभा व विधानसभा में दोनों के परिवार के सदस्य जैसे एक दूसरे से लड़े थे उसके मुकाबले अब काफी शांति बहाल हो गई है। चाचा-भतीजे की जुगलबंदी में नया मोड़ अब तो चाचा-भतीजे की जुगलबंदी देखने को मिल रही है। पिछले 15 दिन में शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार के बीच दो बार मुलाकात हुई है। एक परिवार के फंक्शन में और एक...

  • राज ठाकरे काठ की हांडी चढ़ाना चाह रहे हैं

    महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना यानी मनसे के नेता राज ठाकरे पिछले एक दशक से ज्यादा समय से राजनीतिक प्रासंगिकता की तलाश में हैं। उनकी पार्टी को लंबे समय से चुनावी सफलता नहीं मिल रही है और भाजपा के साथ तालमेल की चर्चाओं के बावजूद वे राजनीतिक बियाबान में भटक रहे हैं। तभी थक हार कर वे एक बार फिर काठ की हांडी चूल्हे पर चढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि मुंबई में रहने वालों को मराठी बोलनी पड़ेगी। राज ठाकरे ने कहा है कि जो मुंबई में रह कर मराठी नहीं बोलता है उसको थप्पड़ मारना चाहिए।...

  • सूत न कपास और एमवीए में मारामारी

    maharashtra politics : महाराष्ट्र में राज्य सरकार इस बात के लिए तैयार नहीं हुई है कि किसी पार्टी को मुख्य विपक्षी पार्टी के दर्जा मिलेगा और उसके विधायक दल का नेता सदन में नेता प्रतिपक्ष बनेगा। लेकिन उससे पहले ही राज्य के विपक्षी गठबंधन यानी महाविकास अघाड़ी में खींचतान शुरू हो गई है। यानी गांव अभी बसा नहीं है और मांगने वाले पहुंच गए! राज्य विधानसभा की स्थिति ऐसी है कि 288 सदस्यों के सदन में विपक्षी गठबंधन के कुल 46 विधायक हैं (maharashtra politics) लेकिन नेता प्रतिपक्ष बनने के लिए 29 सीट की संख्या किसी के पास नहीं है।...

  • फडणवीस और शिंदे को लेकर अटकलें तेज

    मुंबई, भाषा। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच कई मुद्दों पर मतभेद बढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं, जिनमें संरक्षक मंत्री की नियुक्ति से लेकर अलग-अलग समीक्षा बैठकें करना शामिल है। भाजपा के नेतृत्व वाले तीन दलों के गठबंधन महायुति ने तीन महीने पहले महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीट में से 230 सीट जीतकर सरकार बनाई थी। हालांकि दोनों के बीच मतभेद की अटकलों पर विराम लगाने के लिए कोई भी स्पष्टीकरण या दावा नाकाफी साबित हो रहा है। पिछले नवंबर में नतीजों के बाद भाजपा ने फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया था,...

  • फड़नवीस और शिंदे में ठनेगी

    maharashtra politics : महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस और उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे में पिछले कुछ समय से दूरी बढ़ने की चर्चा हो रही है। शिंदे दूर दूर चल रहे हैं और अपनी राजनीति अलग कर रहे हैं। माना जा रहा है कि बृहन्नमुंबई महानगरपालिका यानी बीएमसी के चुनाव की तैयारियों के कारण दोनों में दूरी बनी है। भाजपा अकेले लड़ कर बीएमसी पर नियंत्रण करना चाहती है। (maharashtra politics) इसी सोच में दोनों अपनी राजनीति अलग कर रहे हैं। ध्यान रहे मुंबई में शिव सेना का बड़ा असर रहा है और बीएमसी हमेशा उसी के कब्जे में रही है।...

  • महाराष्ट्र में पहले भी वोट बढ़ते रहे हैं

    maharashtra politics :  कांग्रेस और महाराष्ट्र की उसकी सहयोगी पार्टियों ने चुनाव के बाद कई गंभीर आरोप चुनाव आयोग पर लगाए। चुनाव के तुरंत बाद लगाए गए आरोपों के अलावा चुनाव के कई महीने बीत जाने के बाद तमाम आंकड़ों के साथ राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। (maharashtra politics) उनके साथ सुप्रिया सुले और संजय राउत भी थे। उनका सबसे मुख्य आरोप यह था कि 2019 के लोकसभा चुनाव से लेकर 2024 के लोकसभा चुनाव के बीच यानी पांच साल में जितने मतदाता बढ़े थे उतने मतदाता चुनाव आयोग ने जून 2024 से नवंबर 2024 के बीच पांच महीने...

  • पवार ने शिंदे को सम्मानित किया, उद्धव की पार्टी नाराज

    नई दिल्ली। महाराष्ट्र के विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी में अब नई जंग छिड़ गई है। शरद पवार ने शिव सेना तोड़ने वाले एकनाथ शिंदे को नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में सम्मानित किया। इस पर उद्धव ठाकरे की शिव सेना के नेताओं ने नाराजगी जताई है और उन्होंने शरद पवार पर हमला किया है। उद्धव की पार्टी के राज्यसभा सांसद और बड़बोले प्रवक्ता संजय राउत ने कहा है कि शिंदे ने अमित शाह के साथ मिल कर शिव सेना को तोड़ा था और उन्हें शरद पवार सम्मानित कर रहे हैं। उद्धव की पार्टी की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने भी...

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