Saturday

21-06-2025 Vol 19

पवार कुछ और चाहते हैं भतीजे अजित से

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एनसीपी के संस्थापक शरद पवार ने एक बार फिर पोजिशन बदली है। हालांकि यह भी अंतिम नहीं है लेकिन उन्होंने कहा है वे कभी भी उन लोगों के साथ नहीं जाएंगे, जो भाजपा के साथ जुड़े हैं। उन्होंने भतीजे अजित पवार की पार्टी एनसीपी में अपनी पार्टी के विलय की संभावना को नकार दिया है। साथ ही भाजपा पर निशाना साध कर सीधे भाजपा से तालमेल करने और एनडीए में शामिल होने की संभावना को भी खारिज कर दिया है। ध्यान रहे पिछले कुछ दिनों में उन्होंने कई बार अजित पवार के साथ मंच साझा किया और एक बार यह भी कहा कि अगर दोनों पार्टियां का विलय हो जाता है तो यह कोई हैरानी की बात नहीं होगी। उसके बाद उनकी बेटी सुप्रिया सुले को विदेशी डेलिगेशन का नेता बना कर भेजा गया और पवार की पार्टी संसद का विशेष सत्र बुलाने के लिए हुई सर्वदलीय बैठक से दूर रही। 

इससे अंदाजा लगाया जा रहा था कि या तो दोनों एनसीपी का विलय हो जाएगा और चाचा भतीजे साथ आ जाएंगे या शरद पवार की पार्टी सीधे एनडीए में शामिल हो जाएगी। सुप्रिया सुले के केंद्र में मंत्री बनने की चर्चा भी चलने लगी थी। लेकिन ऐसा लग रहा है कि शरद पवार अपने भतीजे से कुछ और चाहते हैं। वे चाहते हैं कि अजित पवार एनडीए छोड़ कर बाहर निकल जाएं और तब दोनों पार्टियों का विलय हो और एनसीपी एक होकर आगे की राजनीति करे। सवाल है कि अजित पवार इसके लिए क्यों तैयार होंगे? उनको केंद्रीय एजेंसियों से राहत मिली हुई है। वे महाराष्ट्र की सरकार में उप मुख्यमंत्री हैं और केंद्र के साथ सद्भाव है। एनडीए से अलग होकर उनको अभी कुछ नहीं मिलने वाला है। हां, 2029 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव से पहले वे कुछ सोच सकते हैं। लेकिन वह भी तब, जब उनको लगे कि कांग्रेस के नेतृत्व वाला गठबंधन चुनाव जीत सकता है। तब वे मुख्यमंत्री बनने के अपने आखिरी दांव के तौर पर कोई फैसला करेंगे। तभी चाचा भतीजे के साथ आने का मामला अभी अटकता दिख रहा है।

NI Political Desk

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