महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी ने एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाया है तो उनकी पार्टी का भी भाजपा अपनी तरह से इस्तेमाल कर रही है। इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अपने कई नेताओं को एकनाथ शिंदे की पार्टी शिव सेना से टिकट दिलाया है। असल में कई सीटें ऐसी हैं, जिन पर भाजपा के नेता सक्रिय थे लेकिन सीटों के बंटवारे के मामले में वह सीट एकनाथ शिंदे ये अजित पवार की पार्टी के खाते में चली गई। जो सीटें एकनाथ शिंदे की पार्टी के खाते में गई हैं वैसी कई सीटों पर भाजपा ने अपने नेताओं को उनकी पार्टी में भेज दिया है और वहां से टिकट दिला दी है। एकाध सीटों पर तो पहले भी ऐसा होता था लेकिन इस बार थोक के भाव यह खेल हुआ है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे नारायण राणे शिव सेना से कांग्रेस होते हुए भाजपा में पहुंच गए हैं। वे भाजपा से सांसद हैं। उनके एक बेटे नीतेश राणे को भाजपा ने कोंकण की कंकावली सीट पर टिकट दिया है। लेकिन नारायण राणे को अपने दूसरे बेटे नीलेश राणे के लिए भी टिकट चाहिए थी। वे जिस कुडाल सीट से लड़ना चाहते थे वह सीट शिंदे की पार्टी को मिल गई थी। सो, नीलेश राणे उनकी पार्टी में चले गए और वहां से उम्मीदवार बन गए। इसी तरह भाजपा की प्रवक्ता रहीं सायना एनसी का भी मामला है। वे भी पिछले दिनों एकनाथ शिंदे की पार्टी में शामिल हो गईं और शिंदे ने उनको मुंबादेवी सीट से उम्मीदवार बना दिया। वे नाना चूड़ासमा की बेटी हैं और गुजरात दंगों के बाद चूड़ासमा ने नरेंद्र मोदी का विरोध किया था। बहरहाल, पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे राव साहेब दानवे की बेटी संजना जाधव भी शिंदे की पार्टी में शामिल हो गए हैं और उनको कनाड सीट पर टिकट मिल गई है। असल में इस बार दो गठबंधनों में छह बड़ी पार्टियां शामिल हैं, जिससे इस तरह की स्थिति बनी है।