nayaindia Maratha reservation bill passed मराठाओं को आरक्षण का बिल पास

मराठाओं को आरक्षण का बिल पास

आरक्षण

मुंबई। कई महीने की जद्दोजहद के बाद महाराष्ट्र विधानसभा में मंगलवार को मराठाओं को 10 फीसदी आरक्षण देने का बिल पास हो गया। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने यह बिल पेश किया। शिंदे सरकार ने इस बिल के लिए एक दिन का विशेष सत्र बुलाया था। विधानसभा में पास होने से पहले बिल पर कैबिनेट ने मुहर लगाई। मराठा आरक्षण बिल पारित होने से मराठाओं को शिक्षा और सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण मिलेगा।

गौरतलब है कि राज्य में 52 फीसदी आरक्षण पहले से है। मराठा आरक्षण 10 फीसदी किए जाने से जुड़ने से आरक्षण की सीमा 62 फीसदी हो जाएगी। माना जा रहा है कि आरक्षण की सीमा 50 फीसदी से ज्यादा होने से इस बिल को कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। तभी आरक्षण के लिए आंदोलन कर रहे मराठा नेता मनोज जरांगे पाटिल ने इसका मुद्दा उठाया है और कहा है कि सरकार को ओबीसी के अंदर मराठाओं को आरक्षण देना चाहिए।

बहरहाल, बिल पास होने के बाद मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा- जो हमने बोला था, वो किया। हमने कोई राजनीतिक लाभ के लिए फैसला नहीं लिया है। मराठा समाज आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा है। मराठाओं को आरक्षण मिलने से ओबीसी या किसी अन्य समाज के आरक्षण को नुकसान नहीं होगा। गौरतलब है कि ओबीसी के अंदर मराठाओं को आरक्षण देने का फैसला पहले हुआ था, जिसका ओबीसी संगठनों ने विरोध किया था।

बिल पास होने के बाद मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल ने महाराष्ट्र सरकार के फैसले का स्वागत किया है। हालांकि, उन्होंने कहा कि जो बिल पास हुआ, वह मराठा आरक्षण की मांग के अनुरुप नहीं है। सुप्रीम कोर्ट इसे नहीं मानेगा। उन्होंने कहा- हमें ओबीसी कोटे के तहत आरक्षण चाहिए। उन्होंने बुधवार को मराठा समुदाय की बैठक बुलाई है। मनोज जरांगे ने बिल को लेकर कहा कि इसमें मराठाओं की मांग को पूरा नहीं किया गया है। आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत के ऊपर हो जाएगी तो सुप्रीम कोर्ट इसे रद्द कर देगा। हमें ऐसा आरक्षण चाहिए जो ओबीसी कोटे से हो और 50 प्रतिशत के नीचे रहे।

 

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