पुणे। शरद पवार ने अपनी ही बनाई पार्टी छीन कर भतीजे अजित पवार को दिए जाने के मसले पर चुनाव आयोग पर निशाना साधा। उन्होंने चुनाव आयोग के फैसले पर हैरानी जताई। शरद पवार ने रविवार को पुणे में एक कार्यक्रम में कहा- आयोग ने न केवल सिंबल छीना है, बल्कि हमारी पार्टी भी दूसरे को दे दी है। इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ कि जिसने पार्टी की स्थापना की, उसके हाथ से पार्टी लेकर किसी और को सौंपी गई।
गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने पिछले हफ्ते छह फरवरी को एक फैसले में अजित पवार गुट को ही असली एनसीपी माना। छह महीनेसे ज्यादा दिन तक चली सुनवाई के बाद पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह घड़ी अजित गुट को दे दिया गया था। इसके बाद आयोग ने शरद पवार के गुट के लिए एनसीपी शरद चंद्र पवार नाम दिया था। चुनाव आयोग के फैसले को शरद पवार ने कोर्ट में चुनौती दी है।
उन्होंने रविवार को एक कार्यक्रम में न्यायपालिका पर भरोसा जताते हुए कहा- मुझे भरोसा है कि लोग चुनाव आयोग के फैसले का समर्थन नहीं करेंगे, जिसके खिलाफ हमने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। हर पार्टी के लिए उसके सिंबल से ज्यादा उसकी विचारधारा ज्यादा महत्वपूर्ण होती है। शरद पवार ने दावा किया कि ईडी ने देश भर में जांच की है, जिसमें 2005 से 2023 तक छह हजार मामले दर्ज किए गए हैं। लेकिन, 25 मामलों में ही नतीजा निकल सका है। 85 फीसदी मामलों में विपक्ष के राजनीतिक नेता शामिल थे।