बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की बंपर जीत के बाद महागठबंधन खेमे में सन्नाटा पसरा हुआ है। इस बीच कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के पति और कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा के एक बयान के बाद सियासत तेज हो गई है। वाड्रा ने कहा कि चुनाव आयोग निष्पक्ष नहीं है और बिहार चुनाव ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से करा लिए जाए तो परिणाम उलट होंगे। वाड्रा के बयान पर एनडीए ने पलटवार किया है।
वाड्रा के बयान पर भाजपा नेता फतेह जंग सिंह बाजवा ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि हारने के बाद भी कांग्रेस पार्टी ने इस पर विचार नहीं किया कि वे क्यों हारे। उन्हें यह विश्लेषण करना चाहिए था कि लोगों ने कांग्रेस या महागठबंधन का समर्थन क्यों नहीं किया। रॉबर्ट वाड्रा किसी पार्टी के नेता नहीं हैं और अगर उन्होंने ऐसा बयान दिया है तो उन पर मानहानि का मुकदमा दर्ज होना चाहिए।
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भाजपा नेता रामकृपाल यादव ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि रॉबर्ट वाड्रा कौन हैं? क्या कोई उन्हें जानता है? इन्हीं लोगों ने तो इस देश को बर्बाद किया है। बहुत मुश्किल से पिछले कुछ वर्षों से हमारे प्रधानमंत्री मोदी और यहां नीतीश कुमार ने मिल करके देश और बिहार को आगे निकालने का काम किया। बिहार की जनता कांग्रेस को कभी माफ नहीं करने वाली है।
वाड्रा को निशाने पर लेते हुए जदयू नेता राजीव रंजन ने कहा कि सिर्फ़ इसलिए कि कोई नेहरू-गांधी परिवार से ताल्लुक रखता है, इसका मतलब यह नहीं कि उसे हर बात पर बोलना होगा। लोग जानते हैं कि वह रियल एस्टेट के कारोबार से जुड़े हैं और अनैतिक सौदों के लिए पहले से ही ईडी की रडार पर हैं। उन्हें पहले खुद को सुरक्षित करना चाहिए।
जदयू नेता सुनील कुमार पिंटू ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की हमेशा से आदत रही है कि जब भी वे हारते हैं, तो वे कभी ईवीएम को लेकर, कभी वोट चोरी को लेकर बेबुनियाद आरोप लगाते हैं और रॉबर्ट वाड्रा को राहुल गांधी को एक बार उत्तर भारत में ही चुनाव लड़वाना चाहिए, तब उन्हें समझ आएगा कि राहुल गांधी वास्तव में कितने लोकप्रिय हैं।
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