वृंदावन के Kelley Kunj आश्रम से मिली जानकारी के अनुसार, संत प्रेमानंद महाराज ने अपनी प्रसिद्ध रात्रिकालीन पदयात्रा को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया है। पिछले पाँच दिनों से वे यात्रा पर नहीं निकले हैं, जिससे हर दिन हजारों की संख्या में आने वाले भक्त निराश होकर लौट रहे हैं।
शुक्रवार सुबह 4 बजे भी जब पदयात्रा नहीं हुई, तब आश्रम द्वारा आधिकारिक सूचना दी गई कि यात्रा फिलहाल स्थगित कर दी गई है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि यात्रा दोबारा कब शुरू होगी।
आश्रम की ओर से सभी भक्तों से निवेदन किया गया है कि प्रेमानंद महाराज दर्शन हेतु रास्तों पर खड़े न हों, क्योंकि फिलहाल प्रेमानंद महाराज की रात्रिकालीन यात्रा बंद है।
सेवादारों ने भक्तों से की लौटने की प्रार्थना
वृंदावन में पिछले पाँच दिनों से प्रेमानंद महाराज जी की रात्रिकालीन पदयात्रा स्थगित है, जिससे दूर-दूर से दर्शन हेतु आए हजारों श्रद्धालुओं में गहरी निराशा छा गई है।
उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश के अन्य राज्यों से भी भक्तजन केवल एक झलक पाने की आस लेकर केली कुंज आश्रम पहुँचे थे। शुक्रवार तड़के ही भक्ति में लीन श्रद्धालुओं ने पदयात्रा मार्ग को रंगोलियों से सजाया, संकीर्तन किया और भजन-कीर्तन गाते हुए मंगलमय वातावरण बना दिया।
सुबह होते-होते श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती गई, लेकिन जब कई घंटे बीत जाने के बाद भी पूज्य महाराज श्री बाहर नहीं आए, तो भक्तों में चिंता की लहर दौड़ गई।
इसी बीच आश्रम से सेवादार बाहर आए और उन्होंने सभी भक्तों से निवेदन करते हुए कहा, “पूज्य प्रेमानंद महाराज जी का स्वास्थ्य इन दिनों कुछ अनुकूल नहीं है।
इसी कारण पिछले कुछ दिनों से उनकी रात्रिकालीन पदयात्रा स्थगित कर दी गई है। अतः हम आप सभी से विनम्र प्रार्थना करते हैं कि कृपया लौट जाएं।”
सेवादारों के इस निवेदन के बाद दर्शन की आस में कतारबद्ध खड़े सभी भक्त निराश होकर लौटते दिखाई दिए। आँखों में अधूरी श्रद्धा की पीड़ा और हृदय में महाराज जी के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना साफ झलक रही थी।
पूज्य प्रेमानंद महाराज एक संत नहीं…
इस संबंध में केली कुंज आश्रम द्वारा भक्ति मार्ग चैनल पर भी एक आधिकारिक सूचना साझा की गई, जिसमें लिखा था:
“राधे राधे श्री हरिवंश। आप सभी को सूचित किया जाता है कि पूज्य महाराज जी के स्वास्थ्य की अनुकूलता को देखते हुए पिछले कुछ दिनों से महाराज जी की रात्रिकालीन पदयात्रा बंद है। अतः आप सभी से प्रार्थना है कि कोई भी रात्रि में पूज्य महाराज जी के दर्शन के लिए मार्ग पर न खड़े हों।”
इस सूचना के माध्यम से आश्रम ने स्पष्ट कर दिया है कि वर्तमान में प्रेमानंद महाराज जी का स्वास्थ्य पूर्ण विश्राम की माँग कर रहा है। आश्रम द्वारा भक्तों से यह भी अनुरोध किया गया है कि वे इस समय महाराज जी के स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करें और शांति बनाए रखें।
भक्तों की आस्था और प्रेम का यह दृश्य इस बात का प्रमाण है कि पूज्य प्रेमानंद महाराज केवल एक संत नहीं, बल्कि असंख्य हृदयों की श्रद्धा का केंद्र हैं। समस्त श्रद्धालुजनों की यही प्रार्थना है—महाराज श्री शीघ्र स्वस्थ हों और पुनः अपने दर्शन से संसार को पुनः कृतार्थ करें।
30 मार्च को मनाया था जन्मदिन
30 मार्च को हिंदू नववर्ष के शुभ अवसर पर वृंदावन के पूज्य संत प्रेमानंद महाराज जी का जन्मदिवस अत्यंत श्रद्धा, उल्लास और भक्ति के साथ मनाया गया।
यह दिन केवल उनके जन्म का उत्सव नहीं था, बल्कि एक आध्यात्मिक पर्व बन गया, जिसमें देशभर से आए लाखों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। जन्मोत्सव की भव्यता और भक्ति की गहराई ने हर किसी को भावविभोर कर दिया।
प्रेमानंद महाराज जी की जन्मदिन की पदयात्रा सुबह 2 बजे वृंदावन स्थित श्री कृष्ण शरणम् सोसाइटी से शुरू हुई। इस पवित्र यात्रा में भाग लेने के लिए देश के कोने-कोने से करीब 2 लाख श्रद्धालु वृंदावन पहुंचे। हर कोई उनके दर्शन मात्र से जीवन को कृतार्थ करने की अभिलाषा लिए पदयात्रा मार्ग पर रात से ही खड़ा रहा।
पदयात्रा का मार्ग भक्ति और आस्था से सजा हुआ था। दो किलोमीटर लंबे रास्ते को 10 क्विंटल गेंदा और गुलाब के फूलों से सजाया गया था, रंगोली के रंगों और फूलों की सुगंध से संपूर्ण वातावरण आध्यात्मिक सौंदर्य से भर उठा। चारों ओर राधे-राधे की गूंज, भक्तों द्वारा किए जा रहे कीर्तन, और आतिशबाज़ियों की चमक ने मानो स्वर्गीय दृश्य रच दिया।
संत प्रेमानंद महाराज ने यह दो किलोमीटर की पदयात्रा पूरी कर के रमणरेती स्थित अपने आश्रम ‘केलि कुंज’ में प्रवेश किया, जहाँ उनके स्वागत के लिए विशेष आरती, पुष्पवर्षा और भजन संध्या का आयोजन किया गया था।
प्रेमानंद महाराज को 20 साल से किडनी की समस्या
हालांकि, महाराज जी पिछले 20 वर्षों से किडनी की समस्या से जूझ रहे हैं। केलि कुंज आश्रम के संत नवल नागरी दास महाराज ने बताया कि पहले सप्ताह में तीन बार डायलिसिस होती थी, लेकिन अब उनकी तबीयत अधिक नाज़ुक होने के कारण हफ्ते में 4 से 5 बार डायलिसिस की आवश्यकता होती है। फिर भी, उनकी आध्यात्मिक ऊर्जा और संकल्प उन्हें थामे हुए है।
प्रेमानंद महाराज जी वृंदावन की श्री कृष्ण शरणम् सोसाइटी के HR 1 ब्लॉक के फ्लैट नंबर 209 और 212 में रहते हैं। जहाँ एक फ्लैट उनका निवास स्थान है, वहीं दूसरे फ्लैट को पूर्णतः डायलिसिस के लिए चिकित्सा सुविधा से सुसज्जित किया गया है। उसी स्थान पर उनका इलाज नियमित रूप से हो रहा है।
श्रद्धालुओं के लिए यह आयोजन केवल एक उत्सव नहीं था, बल्कि एक चेतना थी – भक्ति, सेवा और त्याग की। संत प्रेमानंद महाराज का जीवन उन लाखों लोगों के लिए प्रेरणा है जो कठिनाइयों के बावजूद ईश्वर भक्ति और जनसेवा के मार्ग पर अडिग रहते हैं।
pic credit- GROK
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