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25-04-2025 Vol 19

जयपुर में भगवान गणेश का अनोखा मंदिर, जहां विराजित है बिना सूंड वाले गजानन

Gadh ganesh temple : गणेश उत्सव की शुरूआत हो चुकी है और यह उत्सव 10 दिन तक चलने वाला है. हिंदू संस्कृति में चमत्कारों की कमी नहीं है. भगवान पर विश्वास करों तो सबकुछ है अन्यथा कुछ भी नहीं. गणेश उत्सव में देशभर में लोग बप्पा का पूजन और अराधना कर रहे है. लेकिन राजस्थान के जयपुर में एक ऐसा मंदिर है जहां गणेश जी के बाल रूप की पूजा होती है. और मूर्ति भी बिना सूंड की ही विराजित है.

यह मंदिर अपने आप में खास महत्व रखता है. इस मंदिर का नाम श्री गढ़ गणेश जी मंदिर है जो नागरगढ़ और जयगढ़ के बीच पहाड़ियों में बसा है. मान्यता है कि इस मंदिर में विराजित भगवान गणेश जी की मूर्ति कहीं भी नहीं मिलेगी. किसी भी सोशल मीडिया या मार्केट में गढ़ गणेश की मूर्ति की फोटो नहीं मिलेगी. किसी ने भी फोटो लेने या खींचने की कोशिश की तो वह बर्बादी की कगार पर आ गया

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अनोखा है पूजा का विधान

श्री गढ़ गणेश जी मंदिर अन्य मंदिरों से हटकर है. मूर्ति के साथ यहां पूजा करने का विधान भी थोड़ा अलग है. भगवान गणेश के इस मंदिर के बारे में भक्त अलग-अलग पैंतरे अपनाकर अपने कष्ट पहुंचाते हैं और भगवान उनका निवारण भी करते हैं. गढ़ गणेश मंदिर करीब 300 साल पुराना बताया जाता है. कहा जाता है कि इसे सवाई जय सिंह ने बनवाया था और उन्होंने यहां पर प्रख्यात पंडितों को बुलाकर अश्वमेध यज्ञ भी करवाया था. इसकी चढ़ाई करीब 500 मीटर लंबी है. कुल 365 सीढ़ियां चढ़ने के बाद भक्त, बप्पा का दर्शन इस मंदिर में कर पाते हैं. कहा जाता है कि साल में जितने दिन होते हैं उतनी ही सीढ़ियां चढ़कर आप गढ़ गणेश भगवान की झलक देख सकते हैं.

मूषकराज को कहते है विघ्न

श्री गढ़ गणेश जी मंदिर के प्रसिद्ध होने के कई कारण है. इस मंदिर में पत्थर के 2 मूषक विराजमान है. भक्त इन दो मूषक के पास जाकर उनके कानों में अपनी मनोकामना मांगते है. कहा जाता है कि मूषकराज गणेशजी तक भक्तों के विघ्न पहुंचाते है और गजानन इनका निवारण करते है. इसके अलावा इस मंदिर तक पहुंचने के बीच में एक शिव मंदिर भी पड़ता है. लोग पहले इस मंदिर में रुक कर भगवान शिव और मां पार्वती की आराधना करते हैं और इसके बाद मुख्य मंदिर परिसर में प्रवेश करते हैं. साथ ही एक मान्यता ये भी है इस मंदिर में बप्पा की पूजा करने का विधि-विधान भी काफी अलग है.

भगवान को चिट्ठी लिखते हैं भक्त

इस मंदिर में गणेश भगवान की पूजा के दौरान भक्त उन्हें चिट्ठी लिखकर अपने मन की बात कहते हैं. भक्तों का ऐसा मानना है कि ऐसा करने से भगवान तक उनकी बात पहुंचती है और भगवान अपने भक्तों के कष्ट दूर करते हैं. ऐसा माना जाता है कि अगर आपने 7 बुधवार को लगातार भगवान के दर्शन किए तो आपको मनवांछित फल की भी प्राप्ति होती है.

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