हरिद्वार। ‘चलो इस सर्दी में भलाई का काम करते हैं जो कुछ भी अपने पास है उसमें से कुछ जरूरतमंदों के नाम करते हैं’ इसी भाव के साथ पतंजलि विश्वविद्यालय के अन्तर्गत राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों द्वारा हरिद्वार, हर की पौड़ी पर जरूरतमंद व्यक्तियों को आवश्यक सामग्री जैसे- गर्म कपड़े, जूते, चप्पल तथा स्टेशनरी का सामान जैसे-कॉपी, पुस्तकें, पेंसिल, पैन इत्यादि दान की गई।
इस अवसर पर पतंजलि विश्वविद्यालय की कुलानुशासिका प्रोफेसर साध्वी देवप्रिया स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन में दान करना सबसे बड़ा पुण्य कार्य है और यदि यह कार्य जरूरतमंदों के लिए किया जाए तो इससे बड़ा कोई भी श्रेष्ठ कर्म नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि हम सबकी सहायता नहीं कर सकते हैं पर हम सब किसी ना किसी की सहायता कर सकते हैं। अतः प्रत्येक स्वयंसेवक को इसी सुविचार के साथ अपने जीवन में आगे बढ़ना है।
कार्यक्रम की संयोजिका डॉक्टर वैशाली गौड़ ने स्वयंसेवकों से कहा कि कभी भी किसी भी व्यक्ति को दूसरे व्यक्तियों की सहायता करने में तनिक भी संकोच नहीं करना चाहिए। प्रेम, सहयोग, निष्ठा एवं सामर्थ्य के अनुसार जीवन में दान करना चाहिए।
पतंजलि विश्वविद्यालय के स्वयंसेवकों ने अपनी निस्वार्थ सेवा से यह सिद्ध कर दिया कि कोई भी धर्म मानवता से बड़ा नहीं होता है और दान से बड़ा कोई कर्म नहीं होता। पतंजलि के सक्रिय स्वयंसेवकों ने आज गुरुजनों के सानिध्य में यह संकल्प लिया कि वह हमेशा जरूरतमंदों की सहायता करने के लिए आगे रहेंगे। कार्यक्रम को सफल बनाने में कार्यक्रम अधिकारी डॉ. शिल्पा की भूमिका महत्वपूर्ण रही। स्वयंसेवक भूपेंद्र, अदिति, अविकांत, वासुदेव, तनीषा, रिषिका, घनश्याम, करण, विवेक ने इस कार्यक्रम को श्रेष्ठ बनाने में अपनी अद्भुत प्रतिभा का प्रदर्शन किया।