nayaindia uniform civil code उत्तराखंड में समान कानून लागू होगा

उत्तराखंड में समान कानून लागू होगा

देहरादून। समान नागरिक संहिता का अंतिम मसौदा तैयार हो गया है। मसौदा तैयार कर ही विशेषज्ञों की टीम ने इसे उत्तराखंड सरकार को सौंप दिया है। सुप्रीम कोर्ट की रिटायर जज और विशेषज्ञ समिति की अध्यक्ष जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को समान नागरिक संहिता यानी यूसीसी का अंतिम मसौदा सौंपा। अगले हफ्ते बुलाए गए विशेष सत्र में इसे विधानसभा में पेश किया जाएगा और चर्चा के बाद इसे कानून बनाया जाएगा। इस तरह उत्तराखंड देश का पहला राज्य बनेगा, जो सभी नागरिकों के लिए समान कानून लागू करेगा। गौरतलब है कि यह भाजपा का पुराना एजेंडा रहा है।

जानकार सूत्रों के मुताबिक कमेटी ने आदिवासी समाज को समान नागरिक संहिता के दायरे से बाहर रखने की सिफारिश की है। बताया जा रहा है कि प्रावधान किया गया है कि लिव इन रिलेशन में रहने वाले जोड़ों को भी अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन कराना होगा। मुस्लिम समाज में प्रचलित कई परंपराओं को खत्म करने की सिफारिश इसमें की गई है। हालांकि तीन तलाक को पहले ही अवैध कर दिया गया है और उसे अपराध बना दिया गया है फिर भी बताया जा रहा है कि कमेटी ने हलाला और बहु विवाह के साथ साथ तीन तलाक को भी खत्म करने की सिफारिश अपनी रिपोर्ट में की है।

बहरहाल, शुक्रवार को अंतिम मसौदा रिपोर्ट मिलने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा- हम ड्राफ्ट का लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। अब कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद हम आगे बढ़ेंगे। सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद हम विधानसभा के पटल पर इसे रखेंगे। जस्टिस रंजना प्रकाश कमेटी की रिपोर्ट मिलने से पहले विशेष सत्र बुलाए जाने का फैसला हो गया था। उससे पहले शनिवार को धामी कैबिनेट की बैठक होगी, जिसमें इस मसौदे को मंजूरी दी जाएगी और कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसे विधानसभा में पेश किया जाएगा।

विधानसभा का विशेष सत्र पांच फरवरी से आहूत किया गया है। राज्यपाल के अभिभाषण से सत्र की शुरुआत होगी और दूसरे दिन यानी छह फरवरी को समान नागरिक संहिता का बिल सदन में पेश किया जाएगा। इस पर पक्ष और विपक्ष की चर्चा के बाद विधानसभा से पास किया जाएगा और राज्यपाल की मंजूरी से यह कानून बनेगा। लोकसभा चुनाव से पहले उत्तराखंड में यह कानून बन जाएगा और बताया जा रहा है कि भाजपा शासित दो और राज्यों में समान नागरिक संहिता लोकसभा चुनाव से पहले लागू हो सकती है।

समान कानून का अंतिम मसौदा मिलने के बाद मुख्यमंत्री धामी ने कहा- हमने 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले वादा किया था कि हम यूसीसी के लिए कमेटी बनाएंगे। चुनाव जीतने के बाद हमने सबसे कमेटी बनाई। इसमें रिटायर्ड जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में पांच लोग शामिल थे। यूसीसी का मसौदा तैयार करने वाली कमेटी में सिक्किम के पूर्व चीफ जस्टिस प्रमोद कोहली, उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघन सिंह, दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल और समाज सेवी मनु गौड़ शामिल थी। इन सभी ने उत्तराखंड के अलग-अलग जगहों पर जाकर लोगों से बात की और फिर यूसीसी का मसौदा तैयार किया।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

और पढ़ें