Uniform Civil Code

  • जस्टिस चंद्रचूड़ समान नागरिक संहिता के पक्ष में

    नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के रिटायर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने समान नागरिक संहिता यानी यूसीसी का समर्थन किया है। उन्होंने पूरे देश में समान नागरिक कानून लागू करने की इच्छा जताई है। उन्होंने कहा कि संविधान के 75 साल बाद अब समय आ गया है कि समान नागरिक कानून के लक्ष्य को हासिल किया जाए। हालांकि उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि यह कदम देश की सभी जातियों, समुदायों और वर्गों को विश्वास में लेकर ही उठाया जाना चाहिए। गौरतलब है कि वे ‘एक देश, एक चुनाव’ के विचार का भी समर्थन कर चुके हैं। बहरहाल, पूर्व चीफ...

  • उत्तराखंड में समान नागरिक कानून लागू

    देहरादून। उत्तराखंड समान नागरिक संहिता यानी यूसीसी लागू करने वाला देश का पहले राज्य बन गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास पर स्थित मुख्य सेवक सदन में संहिता की नियमावली व वेब पोर्टल ‘यूसीसी.यूके.जीओवी.आईएन’ का लोकार्पण किया। इसके साथ ही कानून लागू करने का ऐलान किया। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की रिटायर जज जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाली कमेटी की सिफारिशों के आधार पर बिल तैयार किया गया था, जिसे विधानसभा से पास कराया गया। पिछले दिनों सरकार ने इस कानून को लागू करने के नियम जारी किए थे। समान नागरिक संहिता लागू करने के साथ...

  • उत्तराखंड कैबिनेट ने समान नागरिक संहिता नियमावली को मंजूरी दी

    Uniform Civil Code: उत्तराखंड कैबिनेट ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) की अध्यक्षता में सोमवार को हुई बैठक में राज्य में समान नागरिक संहिता (UPC) के लिए नियमावली को मंजूरी दे दी। सीएम धामी ने बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि हमने जो वादा किया था उसे पूरा किया है। सीएम ने कहा कि जब हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2022 के विधानसभा चुनाव में जनता के बीच गए थे, तब हमने उनसे वादा किया था कि राज्य में सरकार बनने के बाद हमारा पहला कदम उत्तराखंड में यूसीसी लागू करने का...

  • फ्री हैंड पर लगाम?

    खबरों के मुताबिक मोदी के एलान के बाद टीडीपी नेता एन चंद्रबाबू नायडू से मुस्लिम नेताओं का एक दल मिला। नायडू ने उन्हें आश्वासन दिया कि जब तक वे केंद्रीय सत्ता में भागीदार हैं, ‘सेकुलर’ कोड जैसी कोई पहल नहीं होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कॉमन सिविल कोड को नया नाम दिया। उसे सेकुलर कोड कहा। स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से उन्होंने पर्सनल लॉ (जिसे उन्होंने कम्यूनल कोड कहा) कि जगह सेकुलर कोड लागू करने का इरादा जताया। यह बात उन्होंने लोकसभा चुनाव के पहले भी कही थी। तब लेकिन तब बात अलग थी। तब लोकसभा में...

  • उत्तराखंड में अक्टूबर में लागू होगी यूसीसी

    देहरादून। उत्तराखंड में इस साल अक्टूबर में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू कर दी जाएगी। सूत्रों ने बताया कि यूसीसी लागू करने की दिशा में राज्य सरकार तेजी से काम कर रही है। बीते दिनों मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने भी संकेत दिए थे कि प्रदेश में जल्द ही यूसीसी लागू किया जा सकता है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू राज्य सरकार द्वारा पारित विधेयक को इस साल मार्च में ही मंजूरी दे चुकी हैं। यूसीसी के तहत अब राज्य में विवाह, तलाक, उत्तराधिकारी और लिव इन रिलेशनशिप को नियंत्रित किया जाएगा। यूसीसी के लागू होने के बाद प्रदेश...

  • सेना ने यूसीसी पर सेमिनार रद्द किया

    श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में सेना ने समान नागरिक संहिता यानी यूसीसी पर सेमिनार आयोजित करने का फैसला किया था लेकिन उसने अब इसे रद्द कर दिया है। राज्य की कई पार्टियों ने यूसीसी पर सेना के सेमिनार का विरोध किया था और कहा था कि यह सेना के धर्मनिरपेक्ष चरित्र के अनुकूल नहीं होगा। यह सेमिनार 26 मार्च को कश्मीर यूनिवर्सिटी ऑडिटोरियम में होने वाला था। सेना ने शुक्रवार शाम को ही मीडिया संस्थानों को सेमिनार में शामिल होने का निमंत्रण भेजा था। सेमिनार का विषय था- नेविगेटिंग लीगल फ्रंटियर्स: अंडरस्टेंडिंग आईपीसी 2023 एंड द क्वेस्ट फॉर यूनिफॉर्म सिविल कोड।...

  • आचार संहिता के पहले समान नागरिकता कानून….?

    भोपाल। अपने तीसरे प्रधानमंत्रित्व काल के लिए अनेक घोषणाएं करने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी की सरकार ने अपनी जीत को पक्की करने के लिए चुनावी आचार संहिता लागू होने से पहले अर्थात्ा अगले पखवाड़े से देश में समान नागरिक संहिता कानून लागू करने की मानसिकता बना ली है। Uniform civil code CAA लगभग चार साल से ज्यादा लम्बे समय के इंतजार के बाद केन्द्र सरकार ने संशोधित नागरिकता कानून लागू करने का मन बनाया है, इसे अगले पखवाड़े अर्थात् मार्च के पहले हफ्ते में लागू किया जा सकता है, सरकार ने इसे लागू करने की पूरी तैयारी कर ली है...

  • समान संहिता या सियासत?

    देश में समान नागरिक संहिता हो, यह अपेक्षा अपने-आप में उचित है। लेकिन ऐसी अपेक्षाओं का इस्तेमाल फौरी सियासी फायदे के लिए किया जाए, यह वाजिब नहीं है। इसलिए बेहतर होगा कि सरकारें पहले आम-सहमति से तैयार करें, ताकि उनके इरादे पर सवाल ना उठें। उत्तराखंड “समान” नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला राज्य बनने जा रहा है। समान नागरिक संहिता लागू करना भारतीय जनता पार्टी के बुनियादी एजेंडे का हिस्सा रहा है। इसलिए इसमें कोई असामान्य बात नहीं है कि कोई भाजपा सरकार इसे लागू करने की दिशा में बढ़े। लेकिन मुद्दा प्रस्तावित संहिता के “समान” होने...

  • भाजपा के तीसरे वादे की बारी

    उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू होने जा रही है। जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में बनी पांच सदस्यों की विशेषज्ञ समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है और पांच फरवरी से बुलाए गए विशेष सत्र में इस बिल को विधानसभा में पेश किया जाएगा। छह फरवरी को यह बिल पास हो सकता है। इस तरह उत्तराखंड पहला राज्य बन सकता है, जहां सभी नागरिकों के लिए समान कानून बनेगा। बिल पास होने से पहले ही असम सरकार ने कहा है कि वह उत्तराखंड के बिल को मॉडल बना कर अपने यहां भी इसे लागू करेगी। गुजरात...

  • उत्तराखंड में समान कानून लागू होगा

    देहरादून। समान नागरिक संहिता का अंतिम मसौदा तैयार हो गया है। मसौदा तैयार कर ही विशेषज्ञों की टीम ने इसे उत्तराखंड सरकार को सौंप दिया है। सुप्रीम कोर्ट की रिटायर जज और विशेषज्ञ समिति की अध्यक्ष जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को समान नागरिक संहिता यानी यूसीसी का अंतिम मसौदा सौंपा। अगले हफ्ते बुलाए गए विशेष सत्र में इसे विधानसभा में पेश किया जाएगा और चर्चा के बाद इसे कानून बनाया जाएगा। इस तरह उत्तराखंड देश का पहला राज्य बनेगा, जो सभी नागरिकों के लिए समान कानून लागू करेगा। गौरतलब है कि यह भाजपा...

  • समान नागरिक संहिता का क्या हुआ?

    एक बार फिर समान नागरिक संहिता की चर्चा थम गई है। पिछले महीने ऐसी खबर आई थी कि उत्तराखंड सरकार की ओर से बनाई गई जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई कमेटी की रिपोर्ट बस आने ही वाली है और राज्य सरकार उसके बाद इसे कानून का रूप दे देगी। यहां तक बताया गया था कि दिसंबर के अंत में या जनवरी के पहले हफ्ते में जस्टिस देसाई की रिपोर्ट आ जाएगी और उसके तुरंत बाद राज्य सरकार विधानसभा का एक विशेष सत्र बुला कर उसमें इस रिपोर्ट को बिल के तौर पर पेश करेगी। इसके साथ ही उत्तराखंड देश का पहला...

  • समान नागरिक संहिता पर क्या हो रहा है?

    क्या केंद्र सरकार जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई कमेटी की सिफारिशों के आधार पर देश में समान नागरिक कानून लागू करेगी? इस मामले की क्रोनोलॉजी देख कर ऐसा लग रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 जून को भोपाल में एक कार्यक्रम में समान नागरिक संहिता की वकालत की, जिसके तेजी से घटनाक्रम शुरू हुआ। एक तरफ उत्तराखंड सरकार द्वारा इस मसले पर बनाई गई समिति के सदस्य विधि आयोग से मिले तो दूसरी ओर विधि आयोग आम लोगों से इस पर राय मांगी और खुद प्रधानमंत्री मोदी ने कह दिया था कि एक घर दो कानून से नहीं चल सकता...

  • समान नागरिक संहिता पर 80 लाख सुझाव

    नई दिल्ली। समान नागरिक संहिता के मामले में केंद्रीय विधि आयोग को 80 लाख सुझाव मिले हैं। विधि आयोग ने पहले एक महीने में लोगों से सुझाव देने को कहा था। तब उसे करीब 50 लाख सुझाव मिले थे। बाद में आयोग ने लोगों को सुझाव देने के लिए दो हफ्ते का समय और दिया। उस अवधि में आयोग को 30 लाख और सुझाव मिले। इस तरह उसे कुल 80 लाख सुझाव मिले हैं, जिनकी छंटनी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की तकनीक के आधार पर होगी। विधि आयोग को सुझाव देने की आखिरी तारीख 28 जुलाई की थी। यह अवधि खत्म होने...

  • समान कानून का बिल अभी टलेगा

    समान नागरिक कानून का बिल संसद के मानसून सत्र में अब नहीं आ पाएगा। पहले ऐसा लग रहा था कि सरकार इस बिल को संसद में पेश करने के लिए तैयार है। लेकिन दो ऐसे संकेत हैं, जिनसे लग रहा है कि इसे नहीं पेश किया जाएगा। पहला संकेत तो यह है कि सरकार ने मानसून सत्र के लिए जो विधेयक सूचीबद्ध कराएं हैं उसमें यह बिल नहीं है। उसमें दिल्ली सरकार के अधिकारियों को लेकर जारी किए गए अध्यादेश का बिल है और डाटा प्रोटेक्शन का बिल है। इसके अलावा कुछ और भी बिल हैं। दूसरा संकेत यह है...

  • यूसीसी की स्थिति अनुच्छेद 370 जैसी

    समान नागरिक संहिता का बिल अभी नहीं आया है। अभी विधि आयोग लोगों की राय ले रहा है लेकिन कहा जा रहा है कि संसद के मॉनसून सत्र में बिल पेश हो सकता है। संसद की स्थायी समिति ने इस पर विचार किया है और उत्तराखंड में बनी जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की कमेटी भी जल्दी ही अपनी रिपोर्ट सरकार को देने वाली है। बताया जा रहा है कि इस रिपोर्ट को आधार बना कर केंद्र सरकार बिल तैयार कर सकती है। बहरहाल, जैसे भी हो लेकिन विधि आयोग की पहल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से इसकी वकालत...

  • यूनिफॉर्म सिविल कोडः अगर मकसद सियासी ना हो!

    साफ तौर पर यूनिफॉर्म सिविल कोड की फिलहाल चर्चा छेड़ने के पीछे मकसद मुस्लिम समुदाय के खिलाफ हिंदू समुदाय के अंदर वर्तमान राजनीतिक ध्रुवीकरण को बनाए रखना या इसे और तीखा करना है। फिलहाल अभी ऐसी संहिता का कोई प्रारूप देश के सामने नहीं है। लेकिन जिस संदर्भ में चर्चा छेड़ी गई है, उसके बीच यह प्रश्न स्वाभाविक रूप से उठा है कि क्या सवर्ण हिंदू समुदायों की परंपरा को यूनिफॉर्म कोड बता कर पूरे देश पर लागू करने का प्रयास किया जाएगा? अगले आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का मुख्य एजेंडा समान नागरिक संहिता होगी, इस बात की...

  • यूसीसीः लेने के देने!

    ध्यान रहे समान नागरिक संहिता यानी यूसीसी का कोई मसौदा अभी का नहीं है। उत्तराखंड सरकार का ड्राफ्ट बिल तैयार है और विधि आयोग इस पर लोगों की राय ले रहा है। लेकिन उससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने भोपाल में ऐलान किया कि एक घर दो कानून से नहीं चल सकता है। लेकिन एक घर, एक कानून कैसे बनेगा? प्रधानमंत्री के ऐलान के बाद संसद की स्थायी समिति की बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता भाजपा के नेता सुशील कुमार मोदी ने की और उन्होंने बैठक में सुझाव दिया कि आदिवासी आबादी को इससे बाहर रखा जाए। सवाल है कि जब एक...

  • संविधान की समानता – कुबरी के दशमत को क्यूं नहीं मिली…!

    भोपाल। सीधी जिले में कोल आदिवासी दशमत को बीजेपी नेता शुक्ल द्वारा जिस प्रकार अपमान किया गया क्या उसकी भरपाई मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा उनके चरण पखार कर की जा सकती है ? अथवा शुवपुरी में जिस प्रकार दलित समाज के युवक को मल में डुबो कर मार –मार कर बेइज़्ज़त किया वह भुक्तभोगी के मन से मिट सकता है ! शायद नहीं। दशमत को तो सरकार की ओर से 6.50 लाख रुपये की मदद मिली है यह उसके बेइज्जती का मुआवजा है क्या? तो फिर शिवपुरी के डाली को भी तो मिलना चाहिए ? हक़ीक़त यह है कि जब...

  • डॉ मुखर्जी का संकल्प था एक देश, एक कानून

    डॉ मुखर्जी के बारे में भ्रम फैलाया गया था कि उन्होंने हिन्दू कोड बिल का विरोध किया। डॉ मुखर्जी के एक देश में दो विधान, दो निशान और दो प्रधान नहीं चलेंगे को नारे को केंद्र की लोकप्रिय नरेंद्र मोदी सरकार ने साकार किया है। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद राज्य में नए अध्याय का प्रारम्भ किया गया। एक देश में एक कानून के लिए आवाज उठाने वाले डॉ मुखर्जी का यह सपना भी जल्दी पूरे होने वाला है। भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने सबसे पहले देश में प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की...

  • सब के लिए हो एक हो कानून!

    समान नागरिक संहिता एक देश एक कानून की अवधारणा पर आधारित है। इसके अंतर्गत देश के सभी धर्मों, पंथों और समुदायों के लोगों के लिए एक ही कानून की व्यवस्था का प्रस्ताव है, जिसे हर जाति और धर्म के लोगों के लिए लागू किया जाएगा। तलाक से लेकर प्रॉपर्टी, शादी और तमाम तरह की चीजों पर ये कानून लागू होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में समान नागरिक संहिता को लेकर भोपाल में जो कहाउससे यह मुद्दा देश के विमर्श के केन्द्र में आ गया है। कुछ राजनीतिक दल जरूर समान नागरिक संहिता के नाम पर मुसलमानों को भड़काने की...

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