नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में नगर निगम के चुने गए पार्षद ऐसी खराब मिसाल बना रहे हैं, जैसी देश के किसी भी नगर निगम या नगरपालिका ने नहीं बनाई होगी। केंद्र में सरकार चला रही भाजपा और दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने शुक्रवार को फिर सदन में मारपीट की। पार्षदों ने एक दूसरे पर घूसे बरसाए, महिलाओं के बाल खींचे और एक दूसरे से जम कर हाथापाई की। इससे पहले बुधवार की रात को दोनों पार्टियों के पार्षद सदन में ही रहे थे और खूब मारपीट व तोड़-फोड़ की थी।
शुक्रवार को एमसीडी की स्थायी समिति के छह सदस्यों के लिए मतदान हुआ लेकिन वोटों की गिनती नहीं हो पाई। चुनाव करा रही मेयर ने एक वोट अमान्य कर दिया, जिसे लेकर भाजपा के पार्षद भड़क गए और हंगामा शुरू कर दिया। पहले आम आदमी पार्टी और भाजपा के सदस्य टेबल पर चढ़ गए और एक दूसरे के खिलाफ नारेबाजी की। बाद में नौबत हाथापाई की भी आ गई। पार्षदों के बीच मारपीट हुई। एक महिला के बाल भी खींचे गए। भाजपा के पार्षदों ने कहा कि वे फिर से वोटों की गिनती की अनुमति नहीं देंगे।
मेयर के एक वोट को अवैध घोषित करने के बाद भाजपा ने मतगणना में बाधा डाली। हालांकि मेयर ने जोर देकर कहा कि परिणाम अमान्य वोट के बिना घोषित किया जाएगा। इसके बाद सदन में अराजकता फैल गई। दोनों पार्टियों के पार्षदों ने चिल्लाते हुए एक दूसरे को घूसे, लात, थप्पड़ मारे और धक्का दिया। कुछ पार्षदों के कुर्ते फटे हुए नजर आए। एक पार्षद गिर भी गया। बहरहाल, एमसीडी ढाई सौ पार्षदों में से कम से कम 242 ने स्थायी समिति के छह सदस्यों के चयन के लिए मतदान किया। छह सीटों के लिए सात प्रत्याशी मैदान में होने की वजह से चुनाव की नौबत आई है। छह सीटों के लिए आम आदमी पार्टी ने आमिल मलिक, रमिंदर कौर, मोहिनी जीनवाल और सारिका चौधरी को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा ने कमलजीत सहरावत और पंकज लूथरा को मैदान में उतारा है। भाजपा में शामिल हुए निर्दलीय पार्षद गजेंद्र सिंह दराल भी प्रत्याशी हैं।