मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक, आरबीआई ने एक बार फिर रेपो रेट में बढ़ोतरी की है। मौद्रिक नीति की समीक्षा करने वाली समिति की बैठक के बाद केंद्रीय बैंक ने बुधवार को रेपो रेट में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी का ऐलान किया। इस बढ़ोतरी के बाद रेपो रेट 6.25 से बढ़ कर 6.50 फीसदी हो गया है। रेपो रेट में बढ़ोतरी के बाद आवास और वाहन लोन से लेकर पर्सनल लोन सब कुछ महंगा हो जाएगा और लोगों को ज्यादा महंगी किश्त चुकानी होगी।
रेप रेट पिछले साढ़े चार साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। इस बढ़ोतरी से एक अगस्त 2018 के बाद रेपो रेट की यह सबसे ऊंची दर ह गई है। तब भी रेपो रेट 6.50 फीसदी थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के एक फरवरी को बजट पेश करने के बाद एमपीसी की यह पहली बैठक थी। ब्याज दरों पर फैसले के लिए छह फरवरी से एमपीसी की मीटिंग चल रही थी। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस में ब्याज दरों से जुड़ी घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने अदानी समूह की शेयरों में गड़बड़ी के मुद्दे पर भी बयान दिया और कहा कि इससे बैंकों की स्थिति पर फर्क नहीं पड़ने वाला है।
बहरहाल, इससे पहले दिसंबर में हुई मीटिंग में ब्याज दरों को 5.90 से बढ़ा कर 6.25 फीसदी किया गया था। चालू वित्त वर्ष की पहली मीटिंग अप्रैल में हुई थी। तब आरबीआई ने रेपो रेट को चार फीसदी पर स्थिर रखा था, लेकिन आरबीआई ने दो और तीन मई को इमरजेंसी मीटिंग बुलाकर रेपो रेट को 0.40 फीसदी बढ़ाकर 4.40 फीसदी कर दिया। वित्त वर्ष 2022-23 में रेपो रेट ढाई फीसदी बढ़ चुकी है। महंगाई कम करने के लिए मौद्रिक उपाय के तहत आरबीआई ब्याज दरों में लगातार बढ़ोतरी कर रही है।