नई दिल्ली। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल यानी आईसीटी के फैसले को गलत बताते हुए उसे खारिज किया है। शेख हसीना ने कहा कि उनके खिलाफ आया आईसीटी का फैसला गलत, पक्षपाती और राजनीति से प्रेरित है। उन्होंने कहा है यह फैसला ऐसे ट्रिब्यूनल ने दिया है, जिसे एक गैर निर्वाचित सरकार चला रही है और जिसके पास जनता का कोई जनादेश नहीं है। गौरतलब है कि इस अदालत की स्थापना शेख हसीना ने ही की थी। शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग ने मंगलवार, 18 नवंबर को बांग्लादेश बंद का ऐलान किया है।
बहरहाल, फैसले के बाद शेख हसीना ने कहा कि लोग जानते हैं कि यह पूरा मामला असली घटनाओं की जांच नहीं, बल्कि अवामी लीग को निशाना बनाने की कोशिश है। हसीना ने कहा कि यूनुस सरकार में पुलिस व्यवस्था कमजोर हो गई है। न्याय व्यवस्था कमजोर हो गई है, अवामी लीग समर्थकों और हिंदू, मुस्लिम अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़े हैं, महिलाओं के अधिकार दबाए जा रहे हैं और कट्टरपंथियों का असर बढ़ता जा रहा है।
पिछले एक साल से ज्यादा समय से भारत में रह रहीं शेख हसीना ने कहा कि डॉ. यूनुस को किसी ने चुना नहीं है। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि बांग्लादेश का अगला चुनाव पूरी तरह स्वतंत्र और निष्पक्ष होना चाहिए। उधर हसीना की पार्टी की नेता और पूर्व सूचना मंत्री मोहम्मद अली अराफत ने कहा है कि यह फैसला पहले से तय था। उनके मुताबिक यह ऐसा फैसला है जो ट्रायल शुरू होने से पहले ही लिख दिया गया था। अराफत ने आरोप लगाया कि आईसीटी में जो कुछ भी हुआ वह पहले से लिखा हुआ था। उन्होंने कहा कि पूरा फैसला सुनाने की प्रक्रिया दिखावे के लिए थी और असली नतीजा पहले ही तय कर लिया गया था।


