रायपुर। सरकार के साथ वार्ता या सरेंडर को लेकर नक्सली संगठनों के भीतर चल रहे आंतरिक मतभेद की खबरों के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दो टूक अंदाज में कहा है कि कोई वार्ता नहीं होगी। उन्होंने कहा कि नक्सलियों के सामने एक ही रास्ता है कि वे हथियार डाले और सरेंडर करें। उन्होंने कहा कि अगर नक्सलियों ने हथियारा नहीं डाले तो सफाया होगा और पूरी तरह से सफाए की तारीख तय है। अमित शाह ने कहा कि मार्च 2026 तक नक्सलियों का सफाया हो जाएगा।
छत्तीसगढ़ के बस्तर में एक कार्यक्रम में अमित शाह ने सीमा रेखा खींच दी। उन्होंने कहा, ‘कुछ लोग वार्ता की बात करते हैं। मैं फिर से स्पष्ट कर देता हूं, किस चीज की वार्ता करनी है’? इसके आगे अमित शाह ने कहा, ‘हमलोगों ने एक बहुत अच्छी और आकर्षक सरेंडर पॉलिसी बनाई है। हथियार डालो। अगर तुमने बस्तर में शाति भंग करने के लिए हथियार का इस्तेमाल किया तो हमारे सुरक्षा बल सीआरपीएफ और छत्तीसगढ़ पुलिस मिल कर जवाब देंगे। देश से नक्सलवाद को खत्म करने के लिए मार्च 2026 की तारीख तय है’।
गौरतलब है कि पिछले महीने 12 सितंबर को कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओवादी) के मुख्य प्रवक्ता एम वेणुगोपाल राव ने एक चिट्ठी जारी की थी, जिसमें उन्होंने लिखा था कि अब सशस्त्र संघर्ष समाप्त करने का समय आ गया है। इसके बाद दूसरे माओवादी नेताओं ने उनका कड़ा विरोध किया। वेणुगोपाल राव की चिट्ठी सुरक्षा बलों की ओर से लगातार हो रही कार्रवाई के बाद आई थी। सुरक्षा बलों की कार्रवाई में पिछले एक साल में माओवादियों के अनेक बड़े नेता मारे जा चुके हैं।
बहरहाल, अमित शाह ने शनिवार को कहा कि केंद्र और छत्तीसगढ़ की सरकार बस्तर और नक्सल प्रभावित दूसरे इलाकों का विकास करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के लोगों ने भ्रम फैलाया, नक्सलवाद ने बस्तर को विकास से दूर किया, लेकिन अब भाजपा शासन में मुफ्त स्वास्थ्य बीमा, 31 सौ रुपए प्रति क्विंटल पर धान खरीदी और एक माह में पांच सौ से अधिक नक्सलियों का सरेंडर जैसे ठोस कदम उठाए गए हैं। शाह ने कहा कि नक्सल मुक्त गांव बनाइए, हर गांव को विकास के लिए एक करोड़ रुपए मिलेंगे। शाह ने छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री बस सेवा की शुरुआत की और महतारी वंदन योजना की 20वीं किस्त के तहत 606.94 करोड़ की राशि 64.94 लाख महिलाओं के खातों में ट्रांसफर किया।