चेन्नई। तमिलनाडु में पांच जिला कलेक्टरों को भेजे प्रवर्तन निदेशालय की नोटिस पर मद्रास हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। अवैध रेत खनन की आय के साथ कथित धन शोधन मामले की जांच के सिलसिले में ईडी ने तमिलनाडु के पांच जिला कलेक्टरों को समन जारी किया गया था। इसे अवैध बताते हुए हाई कोर्ट ने इस पर रोक लगा दिया है। अदालत ने समन पर तीन सप्ताह के लिए रोक लगाई है, लेकिन डीएमके के अनुरोध के अनुसार ईडी जांच पर रोक नहीं लगाई है। कलेक्टरों और राज्य सरकार को तीन सप्ताह में ईडी के सवालों का जवाब देना होगा।
जस्टिस एसएस सुंदर और जस्टिस सुंदर मोहन की दो जजों वाली मद्रास हाई कोर्ट की पीठ ने सोमवार को अरियालुर, वेल्लोर, तंजावुर, करूर और तिरुचिरापल्ली जिलों के कलेक्टरों की ओर से राज्य लोक विभाग के सचिव के नंदकुमार द्वारा दायर याचिका पर अपना फैसला मंगलवार तक के लिए टाल दिया था। अपनी याचिका में नेदकुमार ने दलीली दी थी कि ईडी ने जांच की आड़ में, जिला कलेक्टरों को समन जारी करने की एक व्यापक और मनमानी प्रथा शुरू कर दी है। राज्य सरकार ने कहा था कि ईडी के पास ऐसी बेलगाम शक्तियां नहीं हैं और कलेक्टरों को उसका समन संघवाद की भावना के खिलाफ है।
राज्य सरकार ने दावा किया कि उसने अवैध रेत खनन मामलों में एफआईआर दर्ज की है और वो इसका पूरा ब्योरा ईडी को देने को तैयार हैं। उसने कहा कि केंद्रीय एजेंसी को केवल राज्य सरकार के माध्यम से ब्योरा मांगना चाहिए और कोई भी जांच उसकी सहमति से होनी चाहिए। बहरहाल, हाई कोर्ट का आदेश एक अंतरिम आदेश है फिर भी इसे विपक्ष के लिए एक बड़ी राजनीतिक जीत के रूप में देखा जा रहा है।