Stock Market : मुंबई। भारतीय शेयर बाजार में हाहाकार मचा है। कारोबारी हफ्ते के आखिरी दिन शुक्रवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी बीएसई में 14 से अंकों से ज्यादा की गिरावट हुई। इस भारी गिरावट से एक दिन में निवेशकों के नौ लाख करोड़ रुपए डूब गए। 1996 के बाद पहली बार ऐसा हो रहा है कि लगातार पांच महीने से शेयर बाजार में गिरावट हो रही है। इन पांच महीनों की गिरावट से भारतीय शेयर बाजार में निवेशकों के कुल 90 लाख करोड़ रुपए डूबे हैं।
बहरहाल, शुक्रवार, 28 फरवरी को बीएसई के 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक 1,414 अंक यानी 1.90 फीसदी गिर कर 73,198 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी भी 420 अंक यानी 1.86 फीसदी गिरकर 22,124 के स्तर पर बंद हुआ। बीएसई स्मॉल कैप में 1,028 अंक यानी 2.33 फीसदी की गिरावट हुई, यह 43,082 के स्तर पर बंद हुआ। मिड कैप में 853 अंक यानी 2.16% की गिरावट रही, ये 38,592 के स्तर पर बंद हुआ। संवेदी सूचकांक वाले 30 शेयरों में से 29 में गिरावट हुई। सिर्फ एचडीएफसी बैंक में तेजी रही। (Stock Market)
दूसरी ओर निफ्टी के 50 शेयरों में से 45 में गिरावट हुई और सिर्फ पांच में तेजी रही। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज यानी एनएसई के सभी सेक्टोरल इंडेक्स में शुक्रवार को गिरावट रही। सबसे ज्यादा गिरावट निफ्टी आईटी सेक्टर के शेयरों में हुई। यह 4.18 फीसदी गिरा। ऑटो सेक्टर में 3.92 फीसदी, मीडिया में 3.48 फीसदी, सरकारी बैंकों में 2.83 फीसदी और मेटल में 1.39 फीसदी की गिरावट रही। इनके अलावा, फार्मा, बैंकिंग, एमएमसीजी और फाइनेंशियल सर्विसेज में दो फीसदी तक की गिरावट देखने को मिली।
अक्टूबर 2024 के बाद से, निफ्टी हर महीने गिरावट में बंद हुआ है। पिछले पांच महीने में यह 12 फीसदी गिर चुका है। 1996 के बाद यह पहली बार है कि बाजार में लगातार पांच महीने गिरावट आई है। इससे पहले 1996 में जुलाई से लेकर नवंबर महीने के बीच बाजार में लगातार पांच महीने गिरावट दर्ज की गई थी। बहरहाल, 30 सितंबर 2024 को बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों की बाजार पूंजी 474 लाख करोड़ रुपए थी जो 28 फरवरी 2025 को घट कर 384 लाख करोड़ रुपए रह गई। यानी, अक्टूबर से फरवरी के पांच महीनों में निवेशकों की संपत्ति 90 लाख करोड़ रुपए घट गई है।(Stock Market)
जानकारों का मानना है कि विदेश निवेशकों के पैसा निकालने और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की नीति के चलते शेयर बाजार में हाहाकार मचा है। इसके अलावा घरेलू अर्थव्यवस्था का भी इसमें योगदान है। बताया जा रहा है कि विदेशी निवेशकों ने अक्टूबर 2024 से फरवरी 2025 में, बाजार से 3.11 लाख करोड़ रुपए निकाल लिए। सितंबर और दिसंबर तिमाही में कंपनियों के कमजोर नतीजों के कारण निवेशकों ने ये बिकवाली की है। इसके अलावा, भारत सहित अन्य देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ यानी जैसे को तैसा शुल्क लगाने की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकी से बाजार में अनिश्चितता है।
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