नई दिल्ली। सरकारी भर्तियों के लिए होने वाली परीक्षा में पेपर लीक और नकल को रोकने के लिए एक कठोर कानून बिल लोकसभा से पास हो गया है। इस बिल में आरोपियों को अधिकतम 10 साल की जेल और एक करोड़ रुपए जुर्माना देने का प्रावधान किया गया। मंगलवार यानी छह फरवरी को लोकसभा से यह बिल पास हुआ। अब इसे राज्यसभा में भेजा जाएगा। दोनों सदनों से पास होने और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह बिल कानून बनता है तो पुलिस को बिना किसी वारंट के संदिग्धों को गिरफ्तार करने का अधिकार होगा। आरोपी को जमानत नहीं मिलेगी और इन अपराधों को समझौते से नहीं सुलझाया जा सकेगा।
हालांकि इस बिल के प्रावधानों के मुताबिक प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने वाले उन बच्चों को टारगेट नहीं किया जाएगा, जो अनजाने में इस तरह के काम में शामिल हो जाते हैं। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में बिल पेश करते हुए कहा- पब्लिक एग्जामिनेशन बिल में सवाल और जवाब की सीट के लीक होने, प्रत्यक्ष या परोक्ष तरीके से प्रतिभारी का सहयोग करने जैसे अपराध शामिल किए गए हैं। इसके अलावा चीटिंग और गलत तरीके से पैसे कमाने के लिए फर्जी वेबसाइट बनाने, फर्जी परीक्षा कराने के लिए नकली एडमिट कार्ड या ऑफर लेटर जारी करने जैसे गैरकानूनी काम को भी इस बिल में शामिल किया गया है।
इस बिल के कानून बनने के बाद सभी सरकारी परीक्षाएं इसके दायरे में आ जाएगी। यूपीएससी, एसएससी, रेलवे भर्ती बोर्ड, बैंकिंग, मेडिकल में दाखिले की नीट परीक्षा और इंजीनियरिंग में दाखिले के लिए होने वाली जेईई सहित कई परीक्षाएं इसके दायरे में रहेंगी। ये बिल 10वीं या 12वीं की परीक्षाओं पर लागू नहीं होगा। इसके साथ ही ये राज्यों की परीक्षाओं पर भी लागू नहीं होगा, क्योंकि कई राज्यों में नकल को लेकर अपने कानून हैं।