नई दिल्ली। पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के बाद दो राज्यों में मुख्यमंत्री शपथ ले चुके हैं लेकिन जिन तीन राज्यों में भाजपा जीती है वहां सात दिन बाद भी मुख्यमंत्री का फैसला नहीं हो सका है। मध्य प्रदेश और राजस्थान में एक दिन और इंतजार करना होगा। दोनों राज्यों में सोमवार को मुख्यमंत्री के नाम का फैसला हो सकता है। मध्य प्रदेश और राजस्थान में सोमवार को विधायक दल की बैठक बुलाई है। उससे पहले बताया जा रहा है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा विधायकों से बात करेंगे।
मध्य प्रदेश में सोमवार यानी 11 दिसंबर को शाम सात बजे विधायक दल की बैठक बुलाई गई है। पार्टी के सभी नए निर्वाचित विधायकों को इस बारे में आधिकारिक रूप से सूचना दे दी गई है। विधायक दल की बैठक में नेता पद के लिए अलग अलग नामों पर राय ली जाएगी। इस दौरान केंद्रीय नेतृत्व की ओर से तय किए गए तीनों पर्यवेक्षक मौजूद रहेंगे। गौरतलब है कि केंद्रीय नेतृत्व ने आठ दिसंबर को पर्यवेक्षकों के नाम का ऐलान किया था। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लक्ष्मण और पार्टी की राष्ट्रीय सचिव आशा लाकड़ा सभी 163 नव निर्वाचित विधायकों से मिलेंगे।
राजस्थान में भी सोमवार को विधायक दल की बैठक बुलाई गई है। उससे पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शनिवार की रात को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सभी विधायकों से जुड़े और उनके संवाद किया। पर्यवेक्षकों की नियुक्ति के बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का विधायकों से बात करना बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि पहले ऐसा कभी नहीं हुआ था। बहरहाल, विधायक दल की बैठक के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित और दो अन्य पर्यवेक्षक रविवार को जयपुर पहुंचेंगे। पार्टी आलाकमान ने राजनाथ सिंह के अलावा सरोज पांडे और विनोद तावड़े को पर्यवेक्षक बनाया है।
इस बीच पार्टी के नए चुने गए 115 विधायकों को अगले दो दिन जयपुर में रहने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही अटकलों के बीच तिजारा के विधायक महंत बालकनाथ ने अपने सीएम बनने को लेकर चल रही अटकलों को खारिज कर दिया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि मेरे बारे में लगाए जा रहे कयासों को नजरअंदाज करें। मुझे अभी प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में अनुभव प्राप्त करना है। गौरतलब है कि दोनों राज्यों में तीन दिसंबर को वोटों की गिनती हुई थी।