nayaindia Deputy CM Post उप मुख्यमंत्री की नियुक्ति गैरकानूनी नहीं

उप मुख्यमंत्री की नियुक्ति गैरकानूनी नहीं

नई दिल्ली। देश के अलग अलग राज्यों में उप मुख्यमंत्रियों की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी बात कही है। सर्वोच्च अदालत ने स्पष्ट कर दिया है कि राज्यों में उप मुख्यमंत्रियों की नियुक्ति संविधान के खिलाफ नहीं है। यह सिर्फ एक ओहदा है, जो वरिष्ठ नेताओं को दिया जाता है। सोमवार को इस मामले में एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस पद पर नियुक्त व्यक्ति को कोई अतिरिक्त फायदा भी नहीं मिलता है।

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने सोमवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा- सरकार में पार्टियों के गठबंधन या अन्य वरिष्ठ नेताओं को अधिक महत्व देने के लिए यह प्रक्रिया अपनाई जाती है। बेंच ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि उप मुख्यमंत्रियों की नियुक्ति को किसी भी तरह से असंवैधानिक नहीं कहा जा सकता। डिप्टी सीएम राज्य सरकार में पहला और सबसे अहम मंत्री होता है।

सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका एक राजनीतिक दल की ओर से दायर की गई थी। इस याचिका में दावा किया गया था कि संविधान में उप मुख्यमंत्री जैसा कोई पद नहीं है। यह संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है। ऐसी नियुक्ति एक गलत उदाहरण पेश करती है। गौरतलब है कि इस समय देश के 14 राज्यों में 26 उप मुख्यमंत्री हैं। आंध्र प्रदेश में सबसे ज्यादा पांच डिप्टी सीएम हैं। हाल ही में बिहार में नीतीश कुमार की सरकार में भाजपा के दो नेताओं को उप मुख्यमंत्री नियुक्ति किया गया।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

और पढ़ें