कोलकाता। पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के दो नेताओं के यहां छापा मारने पहुंची ईडी की टीम पर एक भीड़ ने हमला कर दिया। इस हमले में ईडी के कुछ अधिकारियों को चोट आई है और ईडी की टीम के साथ छापे में गई केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल यानी सीआरपीएफ के जवानों को भी चोट लगी है। गौरतलब है कि शुक्रवार को ईडी और सीआरपीएफ की टीम पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में छापा मारने गई थी और उसी समय करीब दो सौ लोगों की एक भीड़ ने उन पर हमला कर दिया। भीड़ ने दो गाड़ियां भी तोड़ दी हैं। घायल अधिकारियों को प्राथमिक उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया था।
असल में ईडी की टीम शुक्रवार को राशन घोटाला मामले में छापेमारी के लिए पहुंची थी। दक्षिण 24 परगना के दो ठिकानों सहित राज्य के 15 ठिकानों पर एजेंसी ने छापा मारा। ईडी की टीम साउथ दक्षिण 24 परगना जिले के संदेशखली गांव में तृणमूल कांग्रेस के नेता शेख शाहजहां और बोंगांव नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष शंकर आध्या के घर छापा मारने के लिए पहुंची थी। उसी समय तृणमूल समर्थकों ने उन्हें घेर लिया और उन पर हमला कर दिया।
शेख शाहजहां जिला परिषद के मत्स्य व पशु संसाधन अधिकारी होने के साथ-साथ संदेशखाली के ब्लॉक अध्यक्ष भी हैं। वे राज्य के वन मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक का करीबी भी हैं। मल्लिक खुद राशन घोटाले में जेल में बंद हैं। ईडी के अधिकारियों ने बताया कि उनकी टीम पर हमला उस समय हुआ, जब शाहजहां के घर का ताला तोड़ा जा रहा था। टीम ने शाहजहां को कई बार फोन कर बुलाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं आए। जिले के एसपी से भी बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने भी बात नहीं की।
इस बीच घटना की सूचना मिलने के बाद पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने राज्य के गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक को तलब किया। बोस ने कहा- यह एक भयानक घटना है। यह चिंताजनक और निंदनीय है। लोकतंत्र में बर्बरता और बर्बरता को रोकना एक सभ्य सरकार का कर्तव्य है। यदि कोई सरकार अपने मूल कर्तव्य में विफल रहती है, तो भारत का संविधान अपना काम करेगा।