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कतर से रिहा पूर्व नौसैनिक

नई दिल्ली। कतर में उम्र कैद की सजा पाए भारत के आठ पूर्व नौसैनिक रिहा हो गए हैं और इनमें से सात लोग सोमवार की सुबह भारत लौट आए हैं। इन्हें कतर में जासूसी के आरोप में फांसी की सजा सुनाई गई थी। लेकिन बाद में भारत सरकार के दखल देने के बाद वहां की अदालत ने फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था। सजा बदले जाने के डेढ़ महीने के अंदर इनकी रिहाई हो गई है। पूर्व नौसैनिकों का रिहा होने उनके परिजनों के लिए भी हैरान करने वाला था। उनको पता था कि सरकार कोशिश कर रही है लेकिन रिहाई की टाइमिंग से उनको भी हैरानी हुई।

बहरहाल, भारतीय विदेश मंत्रालय ने रविवार को देर रात इसकी जानकारी दी। सरकार ने कहा- भारत सरकार कतर में गिरफ्तार किए गए दहरा ग्लोबल कंपनी के लिए काम करने वाले आठ भारतीयों की रिहाई का स्वागत करती है। हम इनकी घर वापसी के लिए कतर के फैसले की सराहना करते हैं। गौरतलब है कि कतर की इंटेलीजेंस एजेंसी के स्टेट सिक्योरिटी ब्यूरो ने 30 अगस्त 2022 को आठ पूर्व नौसैनिकों को गिरफ्तार किया था।

ये सभी पूर्व नौसैनिक कतर की नौसेना को ट्रेनिंग देने वाली एक निजी कंपनी दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी में काम करते थे। दहरा ग्लोबल डिफेंस सेवा मुहैया कराती है। इनकी रिहाई के बाद देश के जाने माने सामरिक विशेषज्ञ ब्रह्मा चैलानी ने ट्विटर पर लिखा कि इन पूर्व नौसैनिकों की रिहाई ऐसे समय हुई है, जब भारत और कतर के बीच प्राकृतिक गैस को लेकर एक अहम समझौता हुआ है। बताया जा रहा है कि छह फरवरी को हुए इस समझौते के तहत भारत कतर से साल 2048 तक लिक्विफाइड नैचुरल गैस यानी एलएनजी खरीदेगा। यह समझौता अगले 20 सालों के लिए हुआ है और इसकी कुल लागत 78 अरब डॉलर की है। भारत की सबसे बड़ी एलएनजी आयात करने वाली कंपनी पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड ने कतर की सरकारी कंपनी कतर एनर्जी के साथ ये समझौता किया है।

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