नई दिल्ली। जी-20 शिखर सम्मेलन के पहले दिन भारत ने एक ऐतिहासिक करार किया है। चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव यानी बीआरआई के जवाब में भारत-मध्य पूर्व और यूरोप का एक कॉरिडोर बनेगा। इसके लिए भारत, मध्य पूर्व यानी खाड़ी के देशों और यूरोप के देशों के बीच करार हुआ है। इसमें अमेरिका भी शामिल है। इस मेगा इकोनॉमिक कॉरिडोर को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गेमचेंजर इन्वेस्टमेंट करार दिया है। इसे कूटनीतिक और कारोबारी दोनों नजरिए से बहुत बड़ा करार माना जा रहा है।
बहरहाल, भारत, खाड़ी के देशों और यूरोप के बीच बनने वाले आर्थिक गलियारे में फिलहाल आठ देश हिस्सा हैं। इसमें शामिल सभी देशों के लिए इसे बहुत फायदेमंद माना जा रहा है। इसे 10 साल में पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस इकोनॉमिक कॉरिडोर की अहमियत तो बताई ही साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ भी की। उन्होंने कहा- वन अर्थ, वन फ्यूचर और वन फैमिली का फॉर्मूला प्राइम मिनिस्टर मोदी ने दिया। उनका शुक्रिया।
बहरहाल, इस आर्थिक गलियारे के प्रोजेक्ट में भारत, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, यूरोपीय संघ, इटली, जर्मनी, फ्रांस और अमेरिका शामिल हैं। गौरतलब है कि बाइडेन प्रशासन ने पिछले दिनों इस करार की तरफ इशारा करते हुए कहा था- हो सकता है, जल्दी ही कुछ और देश एक खास इकोनॉमिक डील का हिस्सा बनें। इनमें से कुछ नाम आपको चौंका भी सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- भारत-मध्य पूर्व और यूरोप के इकोनॉमिक कॉरिडोर पर समझौते बेहद अहम है। भारत सरकार ने कनेक्टिविटी को सबसे ज्यादा अहमियत दी है। ग्लोबल साउथ में कनेक्टिविटी गैप है। हम पहले इसे कम करना चाहते हैं और धीरे-धीरे इसे खत्म करने की कोशिश करेंगे। इससे नेक्स्ट जेनरेशन को फायदा होगा। इसके बाद राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा- भारत ने जबरदस्त काम किया है। वन अर्थ, वन फैमिली और वन फ्यूचर का सुझाव प्रधानमंत्री मोदी ने ही दिया था और यही इस जी-20 सम्मेलन का फोकस है। ये दुनिया को जोड़ने की शानदार पहल है और फ्यूचर में गेमचेंजर साबित होने वाला है। उन्होंने कहा- अमेरिका अपने साथियों की मदद से इस सपने को साकार करेगा। 10 साल में हम इसे हकीकत साबित कर देंगे।