नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी को एक और झटका लगा है। आयकर की कार्रवाई से पार्टी को राहत नहीं मिली है। आयकर विभाग द्वारा कर के मद में कांग्रेस के खाते से पैसा निकाल लेने के मामले में अपीलीय प्राधिकार ने कांग्रेस की याचिका खारिज कर दी है।
कांग्रेस ने आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण यानी आईटीएटी में पार्टी के बैंक खातों के खिलाफ विभाग की कार्रवाई को रोकने के लिए याचिका दायर की थी, जिसे शुक्रवार को न्यायाधिकरण ने खारिज कर दिया।
गौरतलब है कि कांग्रेस ने आयकर विभाग पर आरोप लगाया है कि उसने पार्टी के बैंक खाते से 65 करोड़ रुपए निकाले हैं। असल में कांग्रेस पार्टी के ऊपर आयकर विभाग ने 115 करोड़ रुपए के टैक्स का बकाया था। कांग्रेस का कहना है कि टैक्स रिटर्न का मामला आईटीएटी में लंबित है।
उसका फैसला आने से पहले ही आयकर विभाग ने गैर लोकतांत्रिक तरीके से 20 फरवरी को कांग्रेस के खाते से पैसे निकाल लिए।
आयकर विभाग की इस कार्रवाई के खिलाफ कांग्रेस ने आईटीएटी में याचिका दी थी, जिसे ट्रिब्यूनल ने शुक्रवार को खारिज कर दिया। याचिका खारिज होने के बाद कांग्रेस के वकील विवेक तन्खा ने ट्रिब्यूनल से अगले 10 दिन तक इस आदेश को स्थगित रखने की अपील की।
बताया जा रहा है कि पार्टी अब दिल्ली हाई कोर्ट में अपील दायर करेगी। इससे पहले कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अजय माकन ने 16 फरवरी को कहा था- हमें 14 फरवरी को जानकारी मिली कि बैंकों ने पार्टी के द्वारा जारी किए गए चेक रोक दिए। वे हमारे चेक क्लियर नहीं कर रहे। कांग्रेस पार्टी के अकाउंट्स भी फ्रीज कर दिए गए हैं। इसके अलावा क्राउड फंडिंग वाले अकाउंट को भी फ्रीज कर दिया गया है।
हालांकि बाद में कांग्रेस के खातों पर लगा रोक हटा दी गई थी। फिर भी कांग्रेस ने आयकरक विभाग की कार्रवाई को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा पर हमला किया और केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया। कांग्रेस ने पूरे मामले को राजनीति से प्रेरित बताया।
सबसे बड़ी विपक्षी पार्टीने लोकसभा चुनाव से पहले हुई इस कार्रवाई को लेकर भाजपा सरकार पर वित्तीय आतंकवाद और उसके मुख्य विपक्ष को पंगु करने की कोशिश का भी आरोप लगाया है।