मुंबई। मराठा आरक्षण आंदोलन हिंसक हो गया है। सोमवार को प्रदर्शनकारियों ने एनसीपी के दो विधायकों के घर में आग लगा दी। इसके अलावा शरद पवार के गुट वाले एनसीपी के एक कार्यालय को भी जला दिया। मराठा आरक्षण के लिए भूख हड़ताल कर रहे मनोज जरांगे पाटिल के बारे में कथित तौर पर टिप्पणी करने का एक ऑडियो सामने आने के बाद प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए। उन्होंने बीड में दो विधायकों के घरों में आग लगा दी।
आरक्षण समर्थक प्रदर्शनकारियों ने बीड के माजलगांव में विधायक प्रकाश सोलंके के घर और दफ्तर पर पथराव किया। उसके बाद सैकड़ों उग्र प्रदर्शनकारियों ने दर्जनों बाइक और कार को भी फूंक दिया। इसके बाद देर शाम बीड में ही एनसीपी के एक और विधायक संदीप क्षीरसागर का घर भी प्रदर्शनकारियों ने जला दिया गया। गौरतलब है कि मराठा आरक्षण आंदोलन इस साल अगस्त से ही चल रहा है। मनोज जरांगे पाटिल ने पांच दिन पहले फिर भूख हड़ताल शुरू किया है। इस बीच पिछले 11 दिनों में आरक्षण के समर्थन में 13 लोग सुसाइड कर चुके हैं।
बहरहाल, एनसीपी के विधायक प्रकाश सोलंके ने प्रदर्शनकारियों के हमले को लेकर कहा- जब हमला हुआ तब मैं अपने घर के अंदर ही था। हालांकि मेरे परिवार का कोई भी सदस्य या कर्मचारी घायल नहीं हुआ। हम सभी सुरक्षित हैं, लेकिन आग के कारण संपत्ति को भारी नुकसान हुआ। घटना के बाद इलाके में पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई है। प्रकाश सोलंके के नाम से वायरल हो रही एक ऑडियो क्लिप को इस हमले के लिए जिम्मेदार बताया जा रहा है। इस ऑडियो क्लिप में प्रकाश सोलंके कथित तौर पर मनोज जारांगे पर टिप्पणी करते सुनाई देते हैं। हालांकि सोलंके ने कहा है कि इस वीडियो को एडिट किया गया है।
आरक्षण समर्थकों के इस हमले के बाद मराठा आंदोलन का नेतृत्व कर रहे मनोज जरांगे पाटिल ने मराठा समाज से अपील करते हुए सोमवार को कहा- कोई भी मराठा आज रात और कल तक कोई भी आगजनी ना करे। मुझे लगता है कि कोई और इस आंदोलन का फायदा लेकर आग लगा रहा है। बहरहाल, प्रदर्शनकारियों ने माजलगांव में नगर परिषद कार्यालय में तोड़फोड़ की और आग लगा दी। इसमें काफी नुकसान की बात कही जा रही है।
इसके अलावा प्रदर्शनकारियों ने जालना के बदनापुर तहसीलदार दफ्तर को जबरन ताला लगाया और महिला तहसीलदार को बाहर निकाला। इतना ही नहीं, लैंड रिकॉर्ड्स, नगर पंचायत, पंचायत समिति कार्यालय में भी तालाबंदी कर दी। गौरतलब है कि मराठा आरक्षण के लिए मनोज जरांगे ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की थी। उस वक्त महाराष्ट्र सरकार ने जरांगे से मामला सुलझाने के लिए 30 दिन का समय मांगा था। जरांगे ने वादा किया था कि वह अगले 40 दिनों तक विरोध प्रदर्शन नहीं करेंगे। अब फिर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मनोज जरांगे पाटिल को अपनी सेहत का ध्यान रखने और सरकार को कुछ समय देने के लिए कहा है।