nayaindia Danish Ali मायावती ने दानिश अली को पार्टी से निकाला

मायावती ने दानिश अली को पार्टी से निकाला

नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती ने अमरोहा के सांसद दानिश अली को पार्टी से निकाल दिया है। उनके ऊपर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया गया है। बसपा की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि दानिश अली को पार्टी की नीतियों, विचारधारा और अनुशासन के खिलाफ बयान या कार्रवाई के खिलाफ कई बार चेतावनी दी गई थी, लेकिन इसके बावजूद वे लगातार पार्टी के खिलाफ काम कर रहे थे। इसलिए उनको पार्टी से निकाल दिया गया है। पार्टी के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा की ओर से एक लंबी चिट्ठी भी उनको लिखी गई है।

हालांकि दानिश अली ने पार्टी की ओर से लगाए गए आरोपों से इनकार किया है और कहा कि उन्होंने कभी भी किसी भी तरह का पार्टी विरोधी काम नहीं किया है। पार्टी से निकाले जाने के बाद उन्होंने कहा- मैंने पूरी लगन से बसपा को मजबूत करने का प्रयास किया है और कभी भी किसी भी तरह का पार्टी विरोधी काम नहीं किया है। मेरे अमरोहा क्षेत्र की जनता इसकी गवाह है। उन्होंने कहा- मैंने भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों का विरोध जरूर किया है और करता रहूंगा। अगर ऐसा करना अपराध है, तो मैंने अपराध किया है और मैं इसके लिए कोई भी सजा भुगतने के लिए तैयार हूं।

दानिश अली ने उन्हें लोकसभा टिकट देने के लिए मायावती को धन्यवाद दिया साथ ही इस बात पर जोर दिया कि उनके खिलाफ पार्टी का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। गौरतलब है कि भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने संसद में दानिश अली के खिलाफ सांप्रदायिक अपशब्दों का इस्तेमाल किया था, जिसे लेकर बिधूड़ी को नोटिस भी जारी हुआ है। उनके साथ ही दानिश अली को भी नोटिस जारी किया गया है, जिसे लेकर उन्होंने संसद में प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि वे पीड़ित हैं लेकिन उनक आरोपी बनाया जा रह है।

बहरहाल, बसपा के राष्‍ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने दानिश अली को चिट्ठी लिख कर पार्टी से निकाले जाने की सूचना दी। मिश्रा ने पत्र में लिखा है कि पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के अनुरोध पर दानिश अली को अमरोहा से बसपा के प्रत्‍याशी के रूप में टिकट दिया गया था। मिश्रा ने यह भी लिखा है कि देवगौड़ा ने भरोसा दिया था कि दानिश अली बसपा का टिकट मिलने के बाद पार्टी की सभी नीतियों और निर्देशों का पालन करेंगे और पार्टी हित में काम करेंगे। उनका आरोप है कि दानिश अली ने इस वादे को नहीं निभाया और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

और पढ़ें