nayaindia Motor Vehicles Act हड़ताल से बिगड़ने लगे हालात

हड़ताल से बिगड़ने लगे हालात

नई दिल्ली। देश भर में ड्राइवरों की हड़ताल से हालात बिगड़ने लगे हैं। जरूरी चीजों की किल्लत होने लगी है और कई राज्यों में पेट्रोल पंप खाली होने लगे हैं। आपराधिक कानूनों में बदलाव के बाद केंद्र सरकार हिट एंड रन के केस में सजा का जो प्रावधान किया है उसे लेकर देश भर के ड्राइवर बेमियादी हड़ताल पर हैं। नए कानून में प्रावधान किया गया है कि एक्सीडेंट के बाद अगर ड्राइवर बिना सूचना दिए घटनास्थल से भाग जाता है तो उसे 10 साल की सजा हो सकती है और पांच लाख रुपए का जुर्माना लगया जा सकता है।

देश भर के ड्राइवर इस कानून का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि एक्सीडेंट के बाद घटनास्थल पर रूकने से उनकी जान को खतरा हो सकता है। किसी दुर्घटना के बाद उग्र भीड़ सबसे पहले ड्राइवर पर हमला करती है। इस आधार पर ड्राइवरों का समूह हिट एंड रन कानून के प्रावधानों को वापस लेने की मांग कर रहा है। देश भर के ट्रक और बस ड्राइवरों के साथ कई जगह ऑटो और टैक्सी ड्राइवर भी हड़ताल में शामिल हुए हैं।

ड्राइवरों की हड़ताल की वजह से कई राज्यों में पेट्रोल व डीजल, फल-सब्जी और बाकी जरूरी चीजें नहीं पहुंच रही हैं। इससे इन सभी के दाम बढ़ रहे हैं। पेट्रोल पंपों के बाहर लंबी लाइनें लगी हैं। मध्य प्रदेश, राजस्थान, सहित 10 राज्यों से पेट्रोल पंप खाली होने की खबरें हैं। चंडीगढ़ में शर्तों पर पेट्रोल और डीजल दिया जा रहा है। उधर छत्तीसगढ़ में पुलिस की देख-रेख में पेट्रोल और डीजल दिए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ में सोमवार से पेट्रोल और डीजल खत्म होने की अफवाहों के कारण पेट्रोल पंपों पर अफरा-तफरी का माहौल है।

उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में ट्रक ड्राइवरों की पुलिस से झड़प हुई है। प्रदर्शन कर रहे ड्राइवरों को हटाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। इसके अलावा बिहार के हाजीपुर, राजस्थान के अजमेर और मध्य प्रदेश के खरगोन में भी पुलिस और प्रदर्शन कर रहे ड्राइवरों के बीच झड़प की खबरें सामने आई हैं। इस बीच हड़ताल के खिलाफ मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में मंगलवार को दो याचिकाओं पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि हड़ताल तुरंत खत्म करवाकर, परिवहन बहाल करवाए।

बहरहाल, ड्राइवरों की हड़ताल का आम आदमी पर सीधा असर देखने को मिल सकता है। ट्रकों की हड़ताल होने से पेट्रोल, डीजल के अलावा दूध, सब्जी और फलों की आवक प्रभावित हो रही है, जिसका सीधा असर कीमतों पर देखने को मिल सकता है। पेट्रोल और डीजल की सप्लाई रुकने के आसार हैं, जिससे स्थानीय परिवहन और आम लोगों को आवाजाही में दिक्कत हो सकती है। भारत में 95 लाख से ज्यादा ट्रक हैं और 80 लाख से ज्यादा ट्रक ड्राइवर हैं।

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