नई दिल्ली। देश के सभी चुनाव एक साथ कराने के लिए बनाई गई कमेटी ने देश के नागरिकों से इस बारे में राय मांगी है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली आठ सदस्यों की कमेटी ने पूरे देश में एक साथ चुनाव कराने के मामले में लोगों से 15 जनवरी तक राय देने को कहा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी इस कमेटी के सदस्य हैं। कमेटी ने आम लोगों की राय जानने के लिए एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया है।
कमेटी ने नोटिस जारी करते हुए कहा कि देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए मौजूदा ढांचे में उचित बदलाव करने के लिए आम जनता से लिखित रूप में सुझाव आमंत्रित किए जाते हैं। आम लोगों से मिले सुझाव को विचार के लिए समिति के सामने रखा जाएगा। समिति ने सुझाव देने के लिए एक वेबसाइट और ईमेल एड्रेस जारी किया है। समिति ने कहा कि आम लोग अपनी राय समिति की वेबसाइट ओएनओई.जीओवी.इन पर भेज सकते हैं।
गौरतलब है कि यह समिति पिछले साल सितंबर में बनाई गई थी। इसके बाद से समिति की दो बैठकें हो चुकी हैं। इस समिति में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद, 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह, पूर्व लोकसभा महासचिव सुभाष सी कश्यप और पूर्व चीफ विजिलेंस कमिश्नर संजय कोठारी शामिल हैं। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल इस समीति के विशेष आमंत्रित सदस्य और कानून सचिव नितिन चंद्रा सचिव हैं। लोकसभा में विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी को भी इसमें रखा गया था लेकिन उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
बहरहाल, कमेटी ने इससे पहले राजनीतिक दलों को चिट्ठी लिखी थी। कमेटी ने चिट्ठी लिख कर राजनीतिक दलों को एक साथ चुनाव कराने के मुद्दे पर राय जानने कि लिए बुलाया है। ये पत्र छह राष्ट्रीय पार्टियों, 33 राज्य पार्टियों और सात पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त पार्टियों को भेजे गए। बाद में सभी दलों को रिमाइंडर भी भेजा गया है। समिति ने एक साथ चुनाव कराने पर विधि आयोग के विचार भी सुने हैं। इस मुद्दे पर दोबारा विधि आयोग को बुलाया जा सकता है। गौरतलब है कि इस समय विधि आयोग एक साथ चुनाव कराने के अलग अलग फॉर्मूलों पर काम कर रहा है।