nayaindia Parliament Security Breach संसद हमले की बरसी पर टूटी सुरक्षा

संसद हमले की बरसी पर टूटी सुरक्षा

नई दिल्ली। संसद पर हमले की 22वीं बरसी पर एक बार फिर सुरक्षा में भारी चूक हुई है। चार लोग स्मोक गन के साथ संसद परिसर में पहुंच गए, जिनमें से दो लोग लोकसभा की दर्शक दीर्घा में पहुंच गए। बुधवार को जिस समय लोकसभा की कार्यवाही लंच के लिए स्थगित होने वाली थी उससे ठीक पहले दो लोगों ने दर्शक दीर्घा से नीचे लोकसभा में कूद गए। दोनों ने सांसदों की टेबल पर छलांग लगाई और जूते में छिपा कर लाए गए स्मोक गन से धुआं फैला दिया। इससे पूरे सदन में अफरा-तफरी मच गई। सुरक्षाकर्मियों के आने से पहले सांसदों ने ही दोनों पकड़ लिया और उन्हें बुरी तरह से पीटा भी।

इस मामले में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि दो और लोगों के इसमें शामिल होने का अंदेशा है। सदन के अंदर कूदने वाले एक व्यक्ति का नाम सागर शर्मा है, जो लखनऊ का रहने वाला है और दूसरा डी मनोरंजन है, जो मैसुरू का रहने वाला है। संसद परिसर में गिरफ्तार लोगों में हरियाणा की रहने वाली नीलम और महाराष्ट्र का रहने वाला अमोल शिंदे है। पुलिस चारों से पूछताछ कर रही है। पांचवें व्यक्ति का नाम ललित झा है, जो गुरुग्राम का रहने वाला है। छठे व्यक्ति की पहचान नहीं बताई गई है। ये दोनों लोग फरार हैं। बताया जा रहा है कि कर्नाटक से भाजपा के सांसद प्रताप सिम्हा के पास पर ये लोग संसद में घुसे थे।

बहरहाल, बुधवार को लोकसभा में एक बजे से थोड़ा पहले शून्य काल में भाजपा के सांसद खगेन मुर्मू अपनी बात रख रहे थे। इस बीच दर्शक दीर्घा से दो लोग सदन में कूद गए और बेंच पर कूदते हुए आगे स्पीकर के आसन की ओर बढ़ने लगे। उस समय आसन पर मेरठ के सांसद राजेंद्र अग्रवाल आसीन थे। सदन में कूदे युवकों ने जूते से निकाल कर कुछ स्प्रे किया, जिससे सदन में पीला धुआं फैलने लगा। पूरे सदन में भगदड़ मच गई।

इसी दौरान कुछ सांसदों ने घेरकर युवकों को पकड़ लिया। कुछ लोगों ने दोनों युवकों की पिटाई भी की। इसके बाद उन्हें सुरक्षाकर्मियों को सौंप दिया। इसके बाद सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। बाद में स्पीकर ने सभी पार्टियों की बैठक बुलाई, जिसमें संसद भवन की सुरक्षा के उपायों पर चर्चा की गई। गौरतलब है कि पुराने संसद भवन में 13 दिसंबर 2001 को पांच आतंकवादियों ने हमला किया था। इसमें दिल्ली पुलिस के पांच जवान समेत नौ लोगों की मौत हुई थी।

शुरुआती जांच के बाद पुलिस ने बताया है कि इस मामले में शामिल सभी छह लोग ऑनलाइन मिले थे। ऐसा कोई सबूत नहीं मिला, जिससे ये अंदाजा लगे कि इनका संबंध किसी आतंकवादी संगठन से था। हिरासत में ली गई महिला नीलम ने संसद के बाहर नारेबाजी की। उसने कहा, ‘तानाशाही नहीं चलेगी। संविधान बचाओ। मणिपुर को इंसाफ दिलाओ। महिलाओं पर अत्याचार नहीं चलेगा। भारत माता की जय। जय भीम, जय भारत।’ हरियाणा की रहने वाली यह महिला किसान आंदोलन का भी हिस्सा ही थी। बहरहाल, घटना के तुरंत बाद केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला और दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा भी संसद पहुंचे थे। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा है कि इस घटना की जांच जारी है। दिल्ली पुलिस को भी जांच के आदेश दे दिए गए हैं। शुरुआती जांच में पता चला है कि वह साधारण धुआं था।

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