नई दिल्ली। तेलंगाना के प्रदेश अध्यक्ष रेवंत रेड्डी राज्य के नए मुख्यमंत्री होंगे। उनके नाम पर राहुल गांधी की सहमति मिलने के बाद औपचारिक रूप से उनको कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना गया। वे सात दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। मंगलवार को दिल्ली में हुई कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बैठक में उनके नाम पर मुहर लगी थी। बैठक के बाद कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि शपथ समारोह गुरुवार को होगा।
गौरतलब है कि रेवंत रेड्डी को पहले से ही मुख्यमंत्री पद का दावेदार माना जा रहा था। वे 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की टिकट पर सांसदबने थे और बाद में एन उत्तम कुमार रेड्डी की जगह उनको प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। पार्टी ने उनकी कमान में चुनाव लड़ा था। उनको कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार का करीबी बताया जाता है। गौरतलब है कि शिवकुमार ने तेलंगाना में कांग्रेस को मजबूती से चुनाव लड़ाने में बड़ी भूमिका निभाई थी।
गौरतलब है कि तीन दिसंबर को आए चुनाव नतीजों में तेलंगाना में कांग्रेस को 64 सीटें मिली हैं, जबकि बहुमत का आंकड़ा 59 सीटों का है। आंध्र प्रदेश से अलग नया राज्य बनने के बाद पहली बार कांग्रेस की सरकार बन रही है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस के 64 विधायकों में से 42 विधायक रेवंत रेड्डी को मुख्यमंत्री बनाने के पक्ष में थे। राज्य के विधानसभा चुनाव में रेवंत रेड्डी ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का कई बार जिक्र किया और कहा था कि इससे लड़ने की प्रेरणा मिली है।
रेवंत रेड्डी का जन्म महबूबनगर जिले के कोंडारेड्डी पल्ली में आठ नवंबर, 1969 को हुआ था। उन्होंने अपनी राजनीति राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से शुरू की थी। बाद में वे चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी में चले गए थे और दो बार विधायक चुने गए। वे 2017 में कांग्रेस में शामिल हुए और 2019 में कांग्रेस की टिकट पर मलकाजगिरी सीट से सांसद बने। इसके बाद वे कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और फिर पूर्णकालिक अध्यक्ष नियुक्त किए गए।