nayaindia uttarkashi silkyara tunnel accident मजदूरों को निकालने का रास्ता बना!

मजदूरों को निकालने का रास्ता बना!

देहरादून। उत्तराखंड के उत्तरकाशी की सिल्क्यारा सुरंग में 11 दिन से फंसे 41 मजदूर गुरुवार को तड़के सुरंग से बाहर आ सकते हैं। मंगलवार को आधी रात से शुरू हुई ड्रिलिंग में बहुत कामयाबी मिली है और बुधवार की देर रात तक 50 मीटर तक ड्रिलिंग हो गई थी। देर रात की सूचना के मुताबिक करीब 10 मीटर की ड्रिलिंग बाकी थी, जो गुरुवार की सुबह से पहले ही पूरी हो सकती है। राहत और बचाव कार्य में लगी टीमों को उम्मीद है कि अगर कोई नई बाधा नहीं आती है तो 12वें दिन की सुबह सभी मजदूरों को सकुशल निकाल लिया जाएगा।

राहत व बचाव कार्य में लगे जानकारों ने बताया है कि सुरंग के एंट्री प्वाइंट से अमेरिकी ऑगर मशीन करीब 50 मीटर तक ड्रिल कर चुका है और वहां तक करीब 32 इंच की पाइप पहुंचाई जा चुकी है। बताया जा रहा है कि ड्रिलिंग से ज्यादा समय पाइप को जोड़ने यानी उसकी वेल्डिंग में लग रहा है। फिर भी मंगलवार की रात से लेकर अगले 24 घंटे में बहुत तेजी से काम हुआ है। बताया जा रहा है कि ड्रिलिंग का काम बुधवार की देर रात तक ही पूरा हो सकता है।

ड्रिलिंग का काम तेजी से आगे बढ़ने के बाद बचाव टीम ने दूसरी तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। बताया जा रहा है कि मजदूरों को बाहर निकालने के बाद सभी 41 मजदूरों को चिल्यानीसौड़ जिला अस्पताल ले जाने के लिए एम्बुलेंस तैयार रखे गए हैं। वहां जिला अस्पताल में 41 बेड की तैयारी रखी गई है। जरूरत पड़ने पर मजदूरों को एयरलिफ्ट कर ऋषिकेश एम्स ले जाया जाएगा। ड्रिलिंग का काम जैसे जैसे पूरा होने के नजदीक पहुंच रहा है वैसे वैसे एनडीआरएफ की टीम की तैयारियां भी आगे बढ़ रही हैं। उसकी 15 सदस्यों की टीम हेलमेट, ऑक्सीजन सिलेंडर, गैस कटर के साथ मोर्चा संभाले हुए है।

बताया जा रहा है कि 32 इंच का पाइप मजदूरों तक पहुंचने के बाद एनडीआरएफ के सदस्य अंदर जा सकते हैं। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि स्वस्थ मजदूर खुद रेंग कर पाइप से बाहर निकलेंगे। अगर मजदूरों को कमजोरी हुई तो एनडीआरएफ की टीम ने उन्हें स्केट्स लगी अस्थायी ट्रॉली के जरिए बाहर खींचकर निकालने की भी तैयारी की हुई है। इससे पहले बुधवार की सुबह मजदूरों के लिए खाने की चीजों के साथ टूथब्रश, पेस्ट, अंडरगारमेंट वगैरह भेजे गए थ। मोबाइल और चार्जर भी मजदूरों के पास भेजा गया।

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