देहरादून। उत्तराखंड की उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में 12 नवंबर से फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए चल रहा राहत कार्य शुक्रवार को पूरे दिन रूका रहा। एक के बाद एक आई बाधाओं के चलते ड्रिलिंग का काम नहीं हो सका। बताया जा रहा है कि गुरुवार की दोपहर के बाद से ही ड्रिलिंग का काम रूका रहा। पहले सुरंग के रास्ते में लोहे का सरिया आ जाने से मशीन खराब हो गई और जब मशीन ठीक हुई तो अमेरिकी ऑगर मशीन के लिए बना प्लेटफॉर्म ढह गया। शुक्रवार को काम शुरू होना था लेकिन कभी सरिया तो कभी पत्थर मजदूरों तक पहुंचने में बाधा बन रहे हैं।
शुक्रवार को ड्रिलिंग का काम शुरू हुआ तो अमेरिकी ऑगर मशीन के रास्ते में स्टील के पाइप आ गए, जिसके चलते सुरंग में डाला जा रहा पाइप मुड़ गया। स्टील के पाइप और सुरंग में डाले जा रहे पाइप के मुड़े हुए हिस्से को बाहर निकाल लिया गया। ऑगर मशीन को भी नुकसान हुआ था, उसे भी ठीक कर लिया गया। इसके बाद ड्रिलिंग के लिए ऑगर मशीन फिर मलबे में डाली गई, लेकिन तकनीकी समस्या के चलते बचाव टीम को काम रोकना पड़ा।
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव महमूद अहमद ने शुक्रवार को बताया कि 46.8 मीटर की ड्रिलिंग हो चुकी है। अभी 15 मीटर की खुदाई बाकी है। सुरंग में छह-छह मीटर के दो पाइप डालने के बाद मजदूरों तक पहुंचा जा सकता है। अगर दो पाइप के जरिए मजदूरों तक नहीं पहुंचे तो तीसरा पाइप डालने की भी तैयारी है। इस बीच एनडीआरएफ ने मजदूरों को निकालने के लिए मॉक ड्रिल की। बताया जा रहा है कि अगर मशीन चलती है तो अगले पांच मीटर तक कोई बाधा नहीं है। मजदूरों के बाहर निकलने का इंतजार कर रहे उनके परिजन इस बीच निराश होने लगे हैं। उनका कहना है कि 13 दिन से लोग फंसे हैं और अभी तक उनके पास तक पहुंचने का रास्ता नहीं बन सका है।