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नमस्कार मैं हरिशंकर व्यास, खुद को भारत माता का स्वंयसेवक कहने वाले। खुद को स्वंभू राष्ट्रवादी बताने वाले अचानक चीन को अपना दोस्त कहने लगे तो मामला गंभीर भी और गड़बड़ भी। आखिर ऐसा और इसतरह का ह़दय परिवर्तन आत्मघाती ही कहा जा सकता है और ये हमारी कूटनीति का भी कबाड़ा कर देगा। इसलिए अपन तो कहेंगे कॉलम में इस बार मेरे विचार का शीर्षक है। चीन को दोस्त बताना,
मानना, कहना देशद्रोह है


