आईपीएल 2025 की शुरुआत ऋषभ पंत के लिए बड़ी उम्मीदों और भारी चर्चाओं के साथ हुई थी। वो न सिर्फ इस सीजन के सबसे महंगे खिलाड़ी के तौर पर टीम में शामिल हुए, बल्कि फैंस और क्रिकेट विशेषज्ञों की निगाहें भी उन्हीं पर टिकी थीं।
लोगों को उम्मीद थी कि पंत अपने आक्रामक अंदाज़ और विस्फोटक बल्लेबाज़ी से इस बार के आईपीएल को यादगार बना देंगे। लेकिन मैदान पर उनका प्रदर्शन उन उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सका।
ऋषभ पंत पूरे सीजन के दौरान फॉर्म की तलाश में संघर्ष करते नज़र आए। पंजाब किंग्स के खिलाफ खेले गए मैच में भी वो 17 गेंदों पर मात्र 18 रन बनाकर पवेलियन लौट गए।
इस पूरे सीजन में उन्होंने 11 मैचों में सिर्फ 128 रन बनाए हैं, वो भी महज 12.8 की औसत और 99 के स्ट्राइक रेट के साथ। उनके इस प्रदर्शन ने न सिर्फ उनकी टीम को झटका दिया है, बल्कि भारतीय क्रिकेट फैंस को भी निराश किया है जो उन्हें टी20 विश्व कप 2026 के संभावित हीरो के तौर पर देख रहे थे।
धोनी और पंत की जोड़ी गुरू-शिष्य
ऋषभ पंत के लगातार निराशाजनक प्रदर्शन पर भारतीय क्रिकेट के पूर्व दिग्गज और विस्फोटक ओपनर वीरेंद्र सहवाग ने भी प्रतिक्रिया दी है। सहवाग ने साफ तौर पर कहा कि पंत को अब introspection करने की ज़रूरत है और उन्हें मानसिक रूप से खुद को मजबूत करना होगा।
उन्होंने यह भी सलाह दी कि पंत को पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से संपर्क करना चाहिए और उनसे बातचीत करनी चाहिए। सहवाग का मानना है कि धोनी जैसे अनुभवी खिलाड़ी से सलाह लेने से पंत को दोबारा आत्मविश्वास हासिल करने में मदद मिल सकती है और वो अपने पुराने अंदाज़ में वापस लौट सकते हैं।
धोनी के साथ पंत का रिश्ता हमेशा ही गुरु-शिष्य जैसा रहा है और उनकी समझदारी और शांत स्वभाव पंत जैसे युवा खिलाड़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत हो सकता है। अब देखना ये होगा कि पंत इस मुश्किल समय से कैसे उबरते हैं और क्या वो धोनी से सलाह लेकर फिर से मैदान में वही पुराना जोश और जुनून दिखा पाएंगे, जिसके लिए वो जाने जाते हैं।
क्यों धोनी को फोन करने को कहा?
आईपीएल 2025 के रोमांचक मुकाबलों के बीच लखनऊ सुपर जायंट्स और पंजाब किंग्स के बीच खेले गए मैच पर जब वीरेंद्र सहवाग क्रिकबज पर एनालिसिस कर रहे थे, तो उन्होंने दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान ऋषभ पंत को लेकर एक बेहद महत्वपूर्ण और व्यक्तिगत सलाह दी।
सहवाग ने कहा कि ऋषभ पंत को अपने पुराने बल्लेबाजी वीडियो देखने चाहिए, खासतौर पर वे मैच जिनमें उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया था। इसके साथ ही उन्होंने एक और महत्वपूर्ण सुझाव दिया — अगर पंत महेंद्र सिंह धोनी को अपना आदर्श मानते हैं, तो उन्हें बिना किसी हिचकिचाहट के धोनी को फोन करना चाहिए और उनसे बात करनी चाहिए।
सहवाग का यह बयान केवल तकनीकी सलाह नहीं थी, बल्कि मानसिक मजबूती और अनुभव से सीखने की एक गहरी बात थी। उन्होंने कहा, “उनके पास फोन है. वह उसे उठाकर जिसे चाहे कॉल कर सकते हैं.
अगर उन्हें लगता है कि वो मानसिक रूप से ठीक से नहीं सोच पा रहे हैं, तो ऐसे कई क्रिकेटर हैं जो उनकी मदद कर सकते हैं। अगर वह धोनी को अपना आदर्श मानते हैं तो उन्हें धोनी से बात करनी चाहिए। दरअसल, सहवाग ने यह बात उस संदर्भ में कही जब ऋषभ पंत की हालिया फॉर्म और निर्णय क्षमता पर सवाल उठ रहे हैं।
चोट के बाद मैदान पर वापसी करना अपने आप में एक बड़ी चुनौती होती है, और उस पर कप्तानी की जिम्मेदारी — यह किसी भी खिलाड़ी के लिए मानसिक रूप से भारी हो सकता है। सहवाग का मानना है कि ऐसे में ऋषभ पंत को किसी अनुभवी और शांत नेतृत्वकर्ता से बात करनी चाहिए, और धोनी से बेहतर विकल्प कौन हो सकता है?
धोनी जैसे दिग्गज खिलाड़ी से सलाह लेना
मैच के बाद खुद ऋषभ पंत ने हार का जिम्मा टीम की खराब फील्डिंग पर डाला, लेकिन उन्होंने अपनी बल्लेबाजी को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की। वहीं, उन्होंने यह भी कहा कि हर बार टॉप ऑर्डर के बल्लेबाजों से रन बनाने की उम्मीद करना सही नहीं है।
लेकिन उनकी खुद की भूमिका, उनकी बल्लेबाजी की स्थिति और मानसिक स्थिति पर उन्होंने खुलकर कुछ नहीं कहा — और शायद यहीं पर सहवाग का सुझाव और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।
धोनी जैसे दिग्गज खिलाड़ी से सलाह लेना न केवल एक युवा कप्तान को आत्मविश्वास दे सकता है, बल्कि उसे अपनी गलतियों को पहचानने और सुधारने का भी अवसर देता है। धोनी का अनुभव, मैच की समझ, और दबाव में संतुलन बनाए रखने की कला किसी भी युवा खिलाड़ी के लिए मार्गदर्शक हो सकती है।
इसलिए, सहवाग की यह सलाह केवल एक कॉल करने की बात नहीं थी — यह एक संकेत था कि कभी-कभी सही मार्गदर्शन के लिए अपने आदर्श से बात करना, उनके अनुभवों से सीखना, और मानसिक रूप से संतुलित रहना ही किसी खिलाड़ी की असली ताकत बन सकती है।
रायुडू ने पंत को बताया जिद्दी
पूर्व भारतीय क्रिकेटर अंबाती रायुडू ने ऋषभ पंत की हालिया खराब फॉर्म पर चिंता जताई है। उन्होंने पंत को “जिद्दी” करार देते हुए कहा कि वह अपना दृष्टिकोण बदलने को तैयार नहीं हैं।
रायुडू ने कहा कि ऐसा सभी खिलाड़ियों के साथ होता है, लेकिन उम्मीद है कि ऋषभ पंत जरूरत से ज्यादा जिद्दी नहीं बनेंगे और हालात को और बिगाड़ने से बचेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि ऋषभ पंत
के पास मिडिल ऑर्डर में खेलने की भरपूर स्किल्स हैं, लेकिन वह उन्हें सही तरीके से लागू करने की मानसिकता नहीं रखते।also read: रियान पराग ने लगातार 6 छक्के लगाए, फिर भी युवराज से क्यों रह गए पीछे?
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