ajit kumar

  • अजित पवार पर भाजपा की क्या रणनीति?

    भारतीय जनता पार्टी अजित पवार का किस तरह से इस्तेमाल करने वाली है? वे भाजपा के साथ रह कर महायुति के सहयोगी के तौर पर चुनाव लड़ेंगे या महायुति से अलग होकर अकेले चुनाव लड़ेंगे और कांग्रेस व एनसीपी के वोट काटेंगे या वे एक बार फिर अपने चाचा शरद पवार के साथ लौट जाएंगे? इन सवालों के जवाब आसान नहीं हैं। अजित पवार को लेकर चौतरफा सस्पेंस बना हुआ है। इसका कारण यह है कि एक तरफ भाजपा के नेता सीधे तौर पर उनको बोझ बता रहे हैं तो दूसरी ओर पार्टी उनको उपकृत करने में भी लगी है।...

  • विधानसभा चुनाव में अजित से आशंकित हैं शरद पवार

    यह लाख टके का सवाल है कि महाराष्ट्र में अजित पवार की पार्टी में क्या चल रहा है और खुद अजित पवार क्या सोच रहे हैं? उन्होंने परिवार से अलग होने के जो बयान दिए थे और अफसोस जताया था उससे ऐसा लगा था कि वे भाजपा गठबंधन से अलग होंगे। भाजपा के अंदर भी उनको लेकर असहज स्थितियां थीं और आरएसएस के लोग तो उनके साथ गठबंधन का शुरू से ही विरोध कर रहे थे। लेकिन अचानक सारी चर्चाएं थम गईं। अब नहीं कहा जा रहा है कि वे भाजपा छोड़ कर जा रहे हैं। उलटे वे भाजपा और...

  • अजित पवार की बात कौन मान रहा है

    एनसीपी के नेता और महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार को लेकर महाराष्ट्र की महायुति यानी भाजपा, शिव सेना और एनसीपी गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की पार्टी शिव सेना के नेता खुलेआम अजित पवार पर हमले कर रहे हैं तो भारतीय जनता पार्टी के नेता भी खुलेआम कह रहे हैं कि उनको गठबंधन से बाहर हो जाना चाहिए। ऐसे माहौल में भी अजित पवार हिम्मत नहीं छोड़ रहे हैं। उनको पता है कि गठबंधन में कोई उनको पसंद नहीं कर रहा है फिर भी वे कम सीटें लेने या किसी दूसरे मसले पर समझौता...

  • अजित पवार के सामने बड़ा संकट

    महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे ने अपनी इज्जत और पार्टी दोनों को काफी हद तक बचा लिया है। लोकसभा चुनाव में उनका स्ट्राइक रेट 50 फीसदी के करीब रहा है। उनकी पार्टी 14 सीटों पर लड़ी थी और उसे सात सीटें मिलीं। लेकिन अजित पवार की असली एनसीपी चार सीटों पर लड़ी और एक सीट जीत पाई। विधानसभा चुनाव से पहले आए इस नतीजे से यह साबित हुआ है कि चुनाव आयोग और स्पीकर ने भले उनको असली एनसीपी मान लिया हो लेकिन महाराष्ट्र की जनता असली एनसीपी अब भी शरद पवार की पार्टी को ही मानती है। ध्यान रहे पवार...

  • महाराष्ट्र में कौन किसके साथ जाएगा?

    पूरे देश में लोकसभा का चुनाव जीतने हारने के लिए लड़ा जा रहा है और इस बात की ही चर्चा हो रही है कि कौन जीतेगा, किसकी सरकार बनेगी, जो हारेगा उसका क्या होगा आदि आदि। लेकिन महाराष्ट्र में चुनाव हिसाब बराबर करने के लिए लड़ा जा रहा है। बाला साहेब ठाकरे और हिंदुत्व की राजनीति की विरासत पर निर्णायक रूप से नियंत्रण के लिए भी लड़ा जा रहा है। महाराष्ट्र के चुनाव नतीजों से सिर्फ केंद्र की सरकार का फैसला नहीं होगा, बल्कि राज्य की राजनीति की तस्वीर भी साफ होगी। शरद पवार अब तक जिस मराठा वोट की...

  • अजित पवार की मुश्किल बढ़ाई

    नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने असली एनसीपी के नेता अजित पवार की मुश्किल बढ़ा दी है। सर्वोच्च अदालत ने लोकसभा चुनाव में अजित पवार की पार्टी को घड़ी चुनाव चिन्ह के इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है लेकिन साथ ही कहा है कि उन्हें विज्ञापन देकर बताना होगा कि घड़ी चुनाव चिन्ह का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इसके साथ ही अदालत ने शरद पवार की पार्टी को एनसीपी शरद चंद्र पवार नाम और तुरही बजाते आदमी का चुनाव चिन्ह इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी है। Maharashtra politics Ajit Kumar यह भी पढ़ें: नेतन्याहू न मानेंगे, न समझेंगे!...

  • शरद पवार का नाम का इस्तेमाल नहीं करेंगे अजित

    नई दिल्ली। असली एनसीपी यानी अजित पवार गुट को सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई है। सर्वोच्च अदालत ने गुरुवार को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए अजित पवार और उनकी पार्टी को सख्त हिदायत दी कि वे राजनीतिक लाभ के लिए शरद पवार के नाम का इस्तेमाल न करें। अदालत ने शरद पवार गुट की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई की, जिसमें कहा गया है कि अजित गुट राजनीतिक फायदे के लिए उनके नाम और तस्वीरों का इस्तेमाल कर रहा है। Ajit kumar Sharad pawar यह भी पढ़ें: भाजपा के दक्कन अभियान की चुनौतियां जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस...

  • अजित पवार का कद कम होगा!

    शरद पवार ने अपने को राष्ट्रीय राजनीति से दूर किया है। वे विपक्ष को एकजुट करने के अभियान में शामिल नहीं है क्योंकि उनके लिए महाराष्ट्र की राजनीति और अपनी पार्टी के संगठन को संभालना पहली चिंता बन गई है। पार्टी के दूसरे सबसे बड़े नेता और उनके भतीजे अजित पवार ने जिस तरह की राजनीति की है, उससे शरद पवार की चिंता बढ़ी है। अजित पवार की उम्र 64 साल हो गई है और वे मान रहे हैं कि अभी या अगली बार मुख्यमंत्री नहीं बने तो फिर कभी नहीं बनेंगे। शरद पवार खुद 38 साल की उम्र में...

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