जो गढ़-लिख दिया वहीं इतिहास!
औरंगजेब के क्रूरता में किए-धरे को अपन हिस्ट्री तो मान सकते हैं लेकिन क्या इससे औरंगजेब के समयकाल का इतिहास जान सकते हैं? फिर क्यों, कैसे और किस लिए छह-सौ साल पहले के अतीत को उठा कर आज के वर्तमान को बिगड़ने दे रहे हैं? जो लिखा-गढ़ा जाता है वह हिस्ट्री हो जाता है और जो पढ़ा-समझा जाता है वह इतिहास होता है। ऐसा अपना मानना है। हिस्ट्री के गिने-चुने पात्र होते हैं मगर इतिहास में पूरा समाज पात्रता निभाता है। इसलिए हिस्ट्री कुछ एक सत्ताधारियों का औजार बनता है तो इतिहास समयकाल की सनातनी समझ। साधारण तौर पर अपन...