मनभावक खेल तो धोनी का, सीखों!
सुनील गावस्कर ने तो एक आईपीएल मैच में सभी को दंग कर दिया। तिहत्तर साल के गावस्कर पीछे से दौड़ कर आए और अपनी शर्ट पर धोनी के हस्ताक्षर मांगे बैठे। बाद में भावुकता में उनने बताया कि वे अपने अंतिम समय में 2011 के क्रिकेट विश्वकप जीत के आखिरी पल को सहेज कर रखना चाहते हैं। छक्का मार कर, बल्ला लहराकर जिताने की धोनी की याद सदा साथ रखना चाहते हैं। क्या लोकतंत्र में लोकप्रियता का कोई पैमाना होता है? क्यों किसी एक को ही लोग बेइंतहां चाहने लगते है? इसका कारण क्या उस व्यक्ति-नेता का साफ चाल-चलन होता...