Border Dispute

  • चीन रत्ती भर पीछे नहीं!

    भारत के प्रति चीन इंच भर (हां, इंच भर) न नर्म होगा, न पीछे हटेगा। इसका फिर प्रमाण 23 अक्टूबर 2024 की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिन पिंग की मुलाकात है। वैश्विक राजनीति के परिपेक्ष्य में मुझे भारत के विदेश मंत्री, विदेश सचिव के बयानों से चीन के लचीले बनने की उम्मीद थी। लगा लद्दाख क्षेत्र की सीमा पर चीन अप्रैल 2020 से पूर्व की यथास्थिति लौटा देगा। भारतीय सेना जिस इलाके में पैट्रोलिंग करती थी, वहां वह वापिस करने लगेगी। चीन यदि अपने कब्जाएं 2000 वर्गकिलोमीटर भारतीय क्षेत्र से सैनिक हटाता है, दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने...

  • भारत और चीन में बड़ा समझौता

    नई दिल्ली। भारत और चीन के रिश्तों में चार साल से ज्यादा समय से चल रहा गतिरोध खत्म होता दिख रहा है। दोनों देशों के बीच तनाव घटाने और सीमा पर गश्त को लेकर बड़ा समझौता हुआ है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अडानी समूह के न्यूज चैनल ‘एनडीटीवी’ पर इसके बारे में विस्तान से जानकारी दी। ‘एनडीटीवी’ के एक कार्यक्रम में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कहा कि भारत और चीन में सीमा पर पेट्रोलिंग सिस्टम को लेकर समझौता हुआ है। इससे मई, 2020 से पहले की स्थिति वापस आएगी। इस कार्यक्रम का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी...

  • भारत, चीन के बीच सीमा विवाद पर वार्ता

    अस्ताना। विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच गुरुवार को एक अहम बैठक हुई, जिसमें दोनों नेता पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद संबंधी बचे हुए मुद्दों के हल के लिए कूटनीतिक और सैन्य माध्यमों से प्रयास दोगुना करने पर सहमत हुए। कजाखस्तान की राजधानी अस्ताना में शंघाई सहयोग संगठन यानी एससीओ के शिखर सम्मेलन से इतर हुई इस बैठक में जयशंकर ने वांग यी से कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी का सम्मान करना और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति सुनिश्चित करना अहम है। विदेश मंत्री जयशंकर ने भारत के इस नजरिए को भी...

  • आपको ही बताना है

    देश की ताकत बढ़ी है, तो उसका असर सीमाओं पर क्यों नहीं दिखा? उससे वहां शांति कायम करने में मदद क्यों नहीं मिली? कोई सरकार दस साल सत्ता में रहने के बाद किसी भी मसले पर अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकती। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल के इस बयान से सहज सहमत हुआ जा सकता है कि उत्तर और पश्चिम में “अपरिभाषित सीमाओं” का भारत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। उन्होंने कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए इन सीमाओं के परिणाम महत्त्वपूर्ण हैं। उन सीमाओं से आंतरिक सुरक्षा के लिए आने वाली चुनौतियों में उन्होंने आतंकवाद, उग्रवाद,...

  • बेहतर संबंध की ओर?

    रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक इंटरव्यू में कहा कि चीन के साथ सीमा विवाद हल करने की दिशा में अच्छी प्रगति हो रही है। फिर यह खबर आई कि चीन ने भारत के लिए नए पूर्णकालिक राजदूत की नियुक्ति कर दी है। भारत-अमेरिका और भारत-चीन के रिश्तों में घटनाएं महत्त्वपूर्ण मोड़ लेती दिख रही हैं। बेशक, दोनों मोर्चों पर हो रही घटनाओं का आपस में जुड़ाव है। फिलहाल, संकेत है कि अमेरिका से भारत का रिश्ता गतिरुद्ध हो गया है, वहीं चीन के साथ तनाव घट रहा है। पहले चीन को लें। पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी...

  • क्या चीन से मेल-मिलाप के प्रति गंभीर हैं मोदी?

    प्रधानमंत्री मोदी ने अब सीमा पर की “असामान्यता” को पीछे छोड़ संबंधों को आगे बढ़ाने की बात की है। यह आश्चर्यजनक और रहस्यमय है। इसलिए कि मोदी सरकार की नीति भारतीय विदेश नीति को अमेरिका के करीब ले जाने की है। अनुमान है कि चार वर्षों के तनाव के बाद उन्होंने सचमुच चीन से रिश्ते बेहतर करने की जरूरत महसूस की हो। दूसरा कयास है कि अमेरिकी धुरी से जुड़ने से जोड़ी गई अपेक्षाओं के पूरा ना होने के बाद उन्होंने एक नया दांव खेला हो। फिलहाल, हम इस बारे में किसी ठोस निष्कर्ष तक पहुंचने की स्थिति में नहीं...

  • चीन पर बदला रुख?

    अमेरिकी पत्रिका को दिए इंटरव्यू में मोदी ने कहा- ‘यह मेरा विश्वास है कि सीमा पर लंबे समय से जारी स्थिति का हल हमें तुरंत निकालना चाहिए, ताकि अपने द्विपक्षीय संबंधों में आई असामान्यता को हम पीछे छोड़ सकें।’ क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ताजा बयान को चीन के बारे में भारत के रुख में एक बड़े बदलाव का संकेत माना जाना चाहिए? चार साल से चल रहे तनाव के बाद अब मोदी मेल-मिलाप के मूड में दिख रहे हैं। मोदी ने ये टिप्पणियां एक अमेरिकी पत्रिका को दिए इंटरव्यू में की हैं। इससे उनकी बातों का महत्त्व और बढ़...

  • राजनाथ ने चीन को दी नसीहत

    इटानगर। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत के राज्य अरुणाचल प्रदेश की जगहों का नाम बदलने को लेकर चीन को नसीहत दी है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि अगर भारत चीन की कुछ जगहों का नाम बदल दे तो क्या चीन वो जगहें भारत को दे देगा? इसके बाद चीन को नसीहत देते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि उसे ऐसा नहीं करना चाहिए। भारतीय क्षेत्र का नाम बदलने को लेकर चीन की निंदा भी की। उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश की जगहों के नाम बदलने से चीन को कुछ हासिल नहीं होगा। चीन को ऐसी गलती नहीं करनी...

  • चीन का फिर किया अरुणाचल पर दावा

    नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अरुणाचल यात्रा और वहां सेला टनल के उद्घाटन के बाद से बौखलाए चीन ने एक बार फिर अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा किया है और उसे चीन का हिस्सा बताया है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने भारत पर आरोप लगाते हुए कहा है- 1987 में भारत ने चीनी जमीन पर अवैध तरह से अरुणाचल प्रदेश बसाया। हमने तब भी इसका विरोध किया था और आज भी हम अपने बयान पर कायम हैं। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जियान ने कहा- चीन और भारत की सीमा का कभी सीमांकन नहीं किया...

  • चीन के मंसूबों की अनदेखी नहीं हो!

    हांगकांग के ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ की रिपोर्ट में बताया गया है कि चीनी सरकार भूटान सीमा में उन गांवों के निकट का निर्माण/विस्तार कर रही है, जो सुरक्षा की दृष्टि से भारतीय सीमा के लिए महत्वपूर्ण है।....आखिर चीन की मंशा क्या है? वास्तव में, वह भारत को लक्षित करके अपनी साम्राज्यवादी योजना के अनुरूप, भूटान में गांवों का विस्तार करके सीमा को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। India China border dispute क्या भारत, चीन पर विश्वास कर सकता है? जब देश आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों में व्यस्त है, तब चीन सीमा पर अपनी साम्राज्यवादी नीति को...

  • भारत की अपनी जब गलती

    अगर केंद्रीय मंत्रियों से लेकर अरुणाचल भाजपा के वक्तव्यों को स्वीकार कर लिया जाए, तो यह समझना किसी भारतीय नागरिक के लिए मुश्किल हो जाएगा कि चीन के साथ हमारी नई दिक्कत क्या है? ये दोनों खबरें परेशान करने वाली हैं। पहली खबर यह है कि लद्दाख के देपसांग क्षेत्र में चीन के साथ चल रही सैनिक कमांडरों की पिछली बैठक में चीन ने वहां 15 किलोमीटर का बफर जोर बनाने की मांग की। चीन की मर्जी यह है कि उसमें कम से कम दस किलोमीटर का बफर जोन उन इलाकों में बने, जिन पर भारत का नियंत्रण है। इसके...

  • गश्त की 26 जगहों से पीछे हटी सेना!

    नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ पिछले करीब दो साल से चल रहे गतिरोध को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। लद्दाख की एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि पूर्वी लद्दाख में 26 पेट्रोलिंग प्वाइंट ऐसे हैं, जहां अब भारतीय सेना गश्त नहीं करती है। यह बहुत चौंकाने वाली और चिंता में डालने वाली बात है। पुलिस अधिकारी ने यह भी कहा है कि लंबे समय तक भारतीय सेना इन क्षेत्रों से अनुपस्थित रहती है तो भारत को आगे चल कर अपनी जमीन गंवानी पड़ सकती है। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के मुख्य शहर लेह...

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