ब्रह्मकपाल पितरों की मुक्ति का अंतिम द्वार
ब्रह्म कपाल उत्तराखंड के चमोली जिले में बद्रीनाथ धाम के पास अलकनंदा नदी के तट पर स्थित है। यह तीर्थ स्थल धार्मिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है, विशेषकर उन लोगों के लिए जो अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान और श्राद्ध कर्म करना चाहते हैं। ऐसा माना जाता है कि यह वही जगह है, जहां स्वयं भगवान शिव ने ब्रह्महत्या जैसे महापाप से मुक्ति पाई थी। मान्यता है कि ब्रह्म कपाल में पिंडदान करने से सौ पीढ़ियों तक के पितरों को मुक्ति मिलती है। गरुड़ पुराण और स्कंद पुराण में इस तीर्थ स्थल की महिमा...