cabinet expansion
अशोक गहलोत ने कहा है कि वह कैबिनेट विस्तार के बारे में कुछ भी डिटेल में नहीं बता सकते. उन्होंने कहा कि क्या होने वाला है यह या तो आलाकमान जानता…
23 जुलाई को पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर काबिज हुए नवजोत सिंह सिद्धू ने अब अपना इस्तीफा दे दिया है….
यह लाख टके का सवाल है कि उत्तर प्रदेश में विधान परिषद की खाली पड़ी चार सीटों को कब भरा जाएगा और कब राज्य सरकार का विस्तार होगा।
भारतीय जनता पार्टी ने गुजरात में कमाल किया है। उसने पिछली सरकार में शामिल रहे लगभग सभी मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। हालांकि ऐसा नहीं है कि यह कोई नया प्रयोग है।
पीएम मोदी ने मोमेंट मार्केटिंग (Moment Marketting ) का प्रयोग कर मीडिया में अपनी पैठ बना ली. ऐसा नहीं है कि पहली बार पीएम मोदी ने इसका प्रयोग किया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी मंत्रिपरिषद की लगातार तीन दिन तक बैठक करने वाले हैं। वे हफ्ते तीन दिन का बैठक करेंगे। बताया जा रहा है कि तीन दिन की इस बैठक के दौरान अगले तीन साल के लिए सरकार का एजेंडा तैयार किया जाएगा।
कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री बदल दिया है। बीएस येदियुरप्पा को हटा कर उनकी सलाह पर बासवराज बोम्मई को मुख्यमंत्री बनाया गया है। वे भी लिंगायत समुदाय के नेता हैं।
कैबिनेट विस्तार के पहले ही पायलट और सीएम अशोक गहलोत खेमे के विधायक एक दूसरे पर तंज कसने से पीछे नहीं हट रहे हैं. सभी सीमाओं को पार करते हुए अशोक गहलोत की मंत्रिमंडल में दूसरे दर्जे के मंत्री माने जाने वाले शांति धारीवाल ने एक बार फिर से बड़ा बयान दे दिया है
येदियुरप्पा दिल्ली में थे और वो उस दौरान भाजपा के शीर्ष नेताओं के दरबान के चक्कर लगा रहा थे. इस दौरान भी इस बात की चर्चा जोरों पर थी कि उनका इस्तीफा मांगा गया है
नई दिल्ली | Opposition On Cabinet Extension : कैबिनेट विस्तार के पहले से ही विपक्ष ने केंद3 सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. कांग्रेस ने मंत्रिमंडल के विस्तार को सत्ता की भूख का विस्तार करार देते हुए कहा है कि अगर यह विस्तार काम और प्रदर्शन के आधार पर होता तो सबसे पहले गृहमंत्री अमित शाह, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण, रक्षा मंत्री राजनाथसिंह तथा कुछ अन्य को हटाया जाता. कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा कि यदि काम के आधार पर मंत्रियों को हटाया जाता तो श्री शाह को सबसे पहले हटाया जाना चाहिए जिनकी विफलता के कारण उग्रवाद और नक्सलवाद फैल रहा और देश का सामाजिक सौहार्द टूट रहा है. उन्होंने कहा कि इसी तरह से रक्षा मंत्री को हटाया जाना चाहिए जिनकी नाक के नीचे चीन ने भारत की सरज़मीं पर क़ब्ज़ा करने का दुस्साहस किया है. ऐसे ही वित्त मंत्री को हटाया जाता जिनकी वजह से देश की अर्थव्यवस्था गर्त में चली गई है और भीषणतम बेरोजगारी ने पैर पसार लिए है. पेट्रोलियम मंत्री को भी हटाना चाहिए था Opposition On Cabinet Extension : प्रवक्ता ने कहा कि इस क्रम में सबसे पहले स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को हटाएं जिनकी नाकामी की… Continue reading Cabinet Extension : Congress और TMC का कुछ ऐसा रहा रिएक्शन,कहा- प्रदर्शन के आधार पर तो सबसे पहले अमित शाह को हटाना चाहिए था…
नई दिल्ली | PM Modi’s Cabinet Extension : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज अपनी टीम का विस्तार करने वाले हैं. जानकारी के अनुसार शान के 6 बजे से ये नई टीम की घोषणा कर दी जाएगी. इस विस्तार एवं पुनर्गठन के पहले मंत्री पद की शपथ के लिए आमंत्रित किये गये 20 से अधिक नेताओं से आज अपने निवास पर भेंट की. सात लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री निवास पर आयोजित इस बैठक में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह मौजूद थे. बता दें कि नये मंत्रियों की सूची में श्री वरुण गांधी का नाम भी चर्चा में था लेकिन उन्हें प्रधानमंत्री निवास पर नहीं देखा गया. इधर कुछ केंदीय मंत्रियों के इस्तीफे भी आने शुरू हो गये हैं. इनमें सबसे बड़ा नाम देश के शिक्षा मंत्री का है. मोदी सरकार की नई कैबिनेट में ये नए चेहरे 1. नारायण तातु राणे 2. सर्बानंद सोनोवाल 3. डॉ वीरेंद्र कुमार 4. ज्योतिरादित्य सिंधिया 5. रामचंद्र प्रसाद सिंह 6. अश्विनी वैष्णव 7. पशुपति कुमार पारस 8. किरेन रिजिजू 9. राज कुमार सिंह 10. हरदीप सिंह पुरी 11. मनसुख मंडाविया 12. भूपेंद्र यादव 13. पुरुषोत्तम रूपाला 14. जी किशन रेड्डी 15. अनुराग सिंह ठाकुर 16. पंकज… Continue reading PM Modi की नई टीम में सिंधिया को मिल सकता है रेल मंत्रालय , 43 नेता मंत्री पद की लेंगे शपथ
जयपुर | राजस्थान में समय-समय पर अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच का विवाद सामने आता रहा है. हालांकि अब तक कांग्रेस के आलाकमानो ने इस सियासी टशन को अपने खेमे तक ही सीमित रखा है. कैबिनेट विस्तार को लेकर अब राजस्थान के कुछ विधायकों के सब्र का बांध टूटता का जा रहा है. माना जा रहा है कि सचिन पायलट जमीनी स्तर पर अपनी सियासत मजबूत करने में जुटे हुए हैं. वहीं दूसरी ओर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी काफी सख्त नजर आ रहे हैं. सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार पंजाब की ही तरह राजस्थान में भी पायलट गुट के विधायक एक बार फिर से बगावत कर सकते हैं. महीने के अंत तक नहीं हुआ कैबिनेट विस्तार तो बगावत राजस्थान में लंबे समय से कैबिनेट विस्तार को लेकर सियासत गर्म है. मीडिया सूत्रों के अनुसार माना जा रहा है कि अगर इस महीने के अंत तक कैबिनेट का विस्तार नहीं किया गया तो संभवत: जुलाई के समय पायलट गुट के विधायक बगावत कर सकते हैं. राजस्थान की राजनीति को करीब से जानने वालों का कहना है कि सचिन पायलट डिप्टी सीएम और प्रदेश अध्यक्ष का पद में जाने के बाद से लगातार खुद को तैयार… Continue reading Rajasthan: तो क्या अब राजस्थान में ‘खेला’ की तैयारी, कैबिनेट विस्तार में हुई देरी से से नाराज है पायलट खेमा
देश के अलग अलग राज्यों के कम से कम तीन विधायक केंद्र सरकार में मंत्री बनने के दावेदार बताए जा रहे हैं। जानकार सूत्रों के मुताबिक असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल को केंद्र में मंत्री बनना है। यह भी कहा जा रहा है कि पार्टी आलाकमान की ओर से उनको हरी झंडी मिली हुई है। यह भी पढ़ें: मोदी मंत्रिमंडलः फेरबदल कब? ध्यान रहे वे नरेंद्र मोदी की पहली सरकार में मंत्री थे और 2016 का विधानसभा चुनाव जीतने के बाद पार्टी ने उनको असम का मुख्यमंत्री बनाया था। इस बार भी उनके मुख्यमंत्री रहते पार्टी जीती है पर उनकी बजाय हिमंता बिस्वा सरमा को सीएम बनाया गया है। तभी से सोनोवाल को एक बार फिर दिल्ली लाने की चर्चा तेज हो गई है। वैसे भी प्रदेश की राजनीति में उनके लिए करने को कुछ नहीं बचा है। हिमंता सरमा के मुख्यमंत्री बनने के बाद किसी के पास करने को कुछ नहीं बचा है। यह भी पढ़ें: सिंधिया, सुशील मोदी का लंबा इंतजार बहरहाल, सोनोवाल के अलावा एक और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत हैं, जिनको पिछले दिनों ही हटाया गया था। वे एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं और कहा जा रहा है कि केंद्र में मंत्री… Continue reading तीन विधायक, केंद्रीय मंत्री के दावेदार!
इस बार केंद्र सरकार में सहयोगी पार्टियों को जगह मिल सकती है। ध्यान रहे नरेंद्र मोदी की मौजूदा सरकार में सिर्फ एक ही सहयोगी पार्टी का मंत्री है। रामदास अठावले अकेले मंत्री हैं, जो गैर भाजपाई हैं। वे भी ऐसी पार्टी के नेता हैं, जिसका कोई भी लोकसभा सदस्य नहीं है। उनके अलावा अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल मोदी सरकार में मंत्री थीं पर केंद्रीय कृषि कानूनों पर किसान आंदोलन शुरू होने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया। उससे पहले 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद के लेकर हुए तकरार की वजह से शिवसेना अलग हो गई थी और उसके मंत्री अरविंद सावंत ने सरकार से इस्तीफा दे दिया था। यह भी पढ़ें: मोदी मंत्रिमंडलः फेरबदल कब? सरकार गठन के समय मई 2019 में उत्तर प्रदेश की सहयोगी अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल को सरकार में शामिल नहीं किया गया था और बिहार की सहयोगी जनता दल यू ने प्रतीकात्मक प्रतिनिधित्व लेने यानी एक मंत्री बनाने के ऑफर को ठुकरा दिया था। इस बार कहा जा रहा है कि कम से कम इन दोनों सहयोगी पार्टियों को केंद्र सरकार में जगह मिल सकती है। यह भी पढ़ें: सिंधिया, सुशील मोदी का लंबा इंतजार उत्तर… Continue reading सहयोगी पार्टियों को मिलेगी जगह
बिहार में पिछले साल नवंबर में विधानसभा चुनाव के बाद नीतीश सरकार में पहली बार मंत्रिमंडल विस्तार के बाद ‘नाराजगी’ के स्वर घटक दलों के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी और जनता दल (युनाइटेड) में उभरने लगे हैं।