भविष्य को गिरवी रखना
स्वस्थ नियम है कि सरकारों को कर्ज सामान्यतः निवेश के लिए ही लेना चाहिए। मगर ताजा रुझान यह है कि सरकारें कर्ज के जरिए रूटीन खर्च जुटा रही हैं। साथ ही एक बड़ी रकम वोट खरीदने पर खर्च किया जा रहा है। राज्यों के ऊपर कर्ज के बढ़ते बोझ पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट आंख खोल देने वाली है। सार यह है कि राज्य अपने भविष्य को गिरवी रख रहे हैं। 2013-14 से 2022-23 के बीच उनका कर्ज तीन गुना से भी ज्यादा बढ़ा। इस दौरान यह 17.57 लाख करोड़ से बढ़ कर 59.60 लाख करोड़ रुपये...