पूंजीवाद से जीवन स्तर नहीं सुधरता!
पूंजीवाद सामान्य आबादी को मार रहा है – अब बहुत से देश इस तथ्य को समझ रहे हैं और पूंजीवादी व्यवस्था की मनमानी पर अंकुश लगा रहे हैं| पर, हमारे देश में हरेक स्तर पर पूंजीवाद को सरकारी स्तर पर बढ़ावा दिया जा रहा है और इसका नतीजा स्पष्ट है| हरेक वर्ष पूंजीपतियों की संख्या बढ़ जाती है और साथ ही भूखमरी और बेरोजगारी भी| भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में पांचवें स्थान पर पहुँच गयी, सत्ता तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था के ख्वाब दिखा रही है, पर वर्ष 2024 के ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स में हमारा देश कुल 191 देशों में 134वें स्थान...