Dussehra

  • दशहरे पर हुई भागवत कथा का मूल संदेश

    आरएसएस के शतायु होने पर व्यक्त किए गए भागवत जी के उद्गारों का मोशा-अनुचर जितना चाहें महिमामंडन करें, वे अगर वाचिक-लिखित इबारतों के महीन धागों को पढ़ने की ज़रा-सी भी सूक्ष्म ज़हनीयत रखते तो समझ जाते कि भागवत दरअसल कह क्या रहे हैं? नरेंद्र भाई के मजबूरन समर्पण से भागवत अगर ज़रा-सा भी पसीजे होते तो क्या भाजपा को नया अध्यक्ष अब तक नहीं मिल गया होता? भाजपा के नए अध्यक्ष का चेहरा ही तय करेगा कि प्रधानमंत्री की कुर्सी पर नरेंद्र भाई कितने दिनों के मेहमान हैं? दो अक्टूबर का दिन इस साल नागपुर के लिए त्रिआयामी बन कर...

  • दशहराः दस प्रकार के पापों को त्यागने का पर्व

    व्यक्ति और समाज के रक्त में वीरता प्रकट हो इसलिए दशहरे का उत्सव रखा गया है। दशहरा का पर्व दस प्रकार के पापों- काम, क्रोध, लोभ, मोह मद, मत्सर, अहंकार, आलस्य, हिंसा और चोरी के परित्याग की सद्प्रेरणा प्रदान करता है। इस प्रकार दशहरा का पर्व दस इन्द्रियों पर विजय, असत्य पर सत्य की विजय, बहिर्मुखता पर अंतर्मुखता, अन्याय पर न्याय, दुराचार पर सदाचार, तमोगुण पर दैवीगुण, दुष्कर्मों पर सत्कर्मों, भोग पर योग, असुरत्व पर देवत्व और जीवत्व पर शिवत्व की विजय का पर्व है। भारतीय संस्कृति में चैत्र शुक्ल दशमी व कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा तिथियों की भांति ही आश्विन...