दशहरे पर हुई भागवत कथा का मूल संदेश
आरएसएस के शतायु होने पर व्यक्त किए गए भागवत जी के उद्गारों का मोशा-अनुचर जितना चाहें महिमामंडन करें, वे अगर वाचिक-लिखित इबारतों के महीन धागों को पढ़ने की ज़रा-सी भी सूक्ष्म ज़हनीयत रखते तो समझ जाते कि भागवत दरअसल कह क्या रहे हैं? नरेंद्र भाई के मजबूरन समर्पण से भागवत अगर ज़रा-सा भी पसीजे होते तो क्या भाजपा को नया अध्यक्ष अब तक नहीं मिल गया होता? भाजपा के नए अध्यक्ष का चेहरा ही तय करेगा कि प्रधानमंत्री की कुर्सी पर नरेंद्र भाई कितने दिनों के मेहमान हैं? दो अक्टूबर का दिन इस साल नागपुर के लिए त्रिआयामी बन कर...